'तांत्रिकों के पास आज भी जाते लोग, दुर्भाग्य है'; 6 लड़कियों के यौन शोषण केस में हाईकोर्ट का अहम फैसला

Bombay High Court Verdict In Sexual Assault Case: यौन शोषण से जुड़े केस में अहम फैसला सुनाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने विशेष टिप्पणी की है। तांत्रिक ने 6 लड़कियों को ठीक करने के बहाने उसने सवा करोड़ वसूले और यौन शोषण भी किया। आरोपी को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी।

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बॉम्बे हाईकोर्ट में आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ अपील की गई थी।

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Bombay High Court Verdict In Sexual Assault Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज यौन शोषण से जुड़े केस में अहम फैसला सुनाया है। साथ ही देश के अंधविश्वासी लोगों की आलोचना करते हुए टिप्पणी भी की है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 6 मानसिक रूप से विक्षिप्प लड़कियों का इलाज करने के बहाने उनका यौन शोषण करने वाले तांत्रिक की उम्रकैद सजा को बरकरार रखा है।

45 वर्षीय तांत्रिक को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फैसला न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने सुनाया और कहा कि यह भारत का दुर्भाग्य है कि आज भी लोग समस्याओं के समाधान के लिए तांत्रिक के पास जाते हैं। उनके आगे हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते हैं और वे उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर पैसा ठगते हैं, इज्जत लूटते हैं।

 

आरोपी ने लड़कियों के परिवार से वसूले 1.30 लाख

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खंडपीठ ने कहा कि आरोपी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है। आरोपी ने तांत्रिक बाबा होने का दावा करते हुए 6 मानसिक रूप से विकलांग लड़कियों को ठीक करने के बहाने उनका यौन शोषण किया। उसने कथित तौर पर लड़कियों के माता-पिता का आर्थिक शोषण किया। उनकी नाबालिग बेटियों को ठीक करने की आड़ में उनसे 1.30 करोड़ रुपये वसूल लिए।

यह हमारे देश की दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता है कि लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए तथाकथित तांत्रिकों और बाबाओं के दरवाजे खटखटाते हैं। तथाकथित तांत्रिक और बाबा लोगों की कमजोरी और अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं। ऐसे में आरोपी तांत्रिक की सजा उसके कृत्य के अनुसार ही तय हुई है, जिसे कम नहीं किया जा सकता।

 

2010 में सामने आया था मामला

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले में साल 2010 में FIR दर्ज हुई थी। 6 साल चली सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने साल 2016 में आरोपी को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की गई, जिसमें अब 8 साल बाद फैसला आया है।

(इनपुट- PTI)

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