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'एक भी आरोप साबित हुआ तो सीधा फांसी पर'...दावा करने वाले बृजभूषण कौन? रंग लाया पहलवानों का संघर्ष

Brij bhushan singh claim: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजप नेता ने यौन शोषण के आरोपों को नकारते हुए दावा किया था कि अगर उन पर एक भी आरोप साबित हुआ तो वो सीधा फांसी पर लटकेंगे। जानिए कौन हैं फांसी पर लटकने वाल बृजभूषण सिंह और क्या है पूरा मामला।
11:22 PM May 10, 2024 IST | Deeksha Priyadarshi
brij bhusan
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Brij bhushan singh claim: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के दावे झूठे साबित हुए। शुरू से यौन शोषण के आरोपों को नकार रहे बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया था कि अगर मेरे खिलाफ एक भी दोष साबित हुआ तो सीधा फांसी पर लटकूंगा। आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनपर आरोप तय किए हैं। छह महिला पहलवानों ने उनपर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। बृजभूषण के खिलाफ 6 में से 5 मामलों में IPC की धारा 354, 506 सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। एक मामला खारिज किया गया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने आदेश पारित किया है। जृन 2023 को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्जशीट फाइल हुई थी। इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ही बृजभूषण सिंह की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में जांच की मांग की। बृजभूषण ने कहा उस समय में वो भारत में नहीं थे।

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पहलवानों का संघर्ष रंग लाया

बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवान पिछले साल दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। सभी का आरोप था कि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। जनवरी में भी इन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था। हालांकि खेल मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद वापस लौट गए थे।

कौन हैं बृजभूषण सिंह?

बृजभूषण शरण सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले हैं। अवध विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। युवा अवस्था से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1980 के दशक में छात्र राजनीति में शामिल हुए। संघ से उनका खास जुड़ाव था। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय उनकी उग्र ‘हिंदुत्व छवि’ ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। 1991 में उन्होंने अपना पहला चुनाव गोंडा सीट से लड़ा था। छह बार के सांसद बृजभूषण सिंह वर्तमान में गोंडा जिले के पड़ोसी जनपद बहराइच जिले में कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद है। पांच बार भाजपा से और एक बार सपा से सांसद चुने गए।

2008 में बृजभूषण शरण सिंह ने लोकसभा में विश्वास मत के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी, इसलिए पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया था। फिर वे सपा में चले गए। 2009 में कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीता था। हालांकि 2014 में वे दोबारा भाजपा में आ गए।

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बाबरी विध्वंस में आडवाणी के साथ हुए बरी

बृजभूषण शरण सिंह बाबरी विध्वंस मामले के अभियुक्तों में से एक थे जिन्हें बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया था। उनका नाम उन 40 नेताओं की सूची में भी था जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे। इस लिस्ट में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी नाम शामिल था, जिन्हें 2020 में बरी कर दिया था।

पांच लोकसभा सीटों पर दबदबा

बृजभूषण शरण सिंह खुद सांसद, उनकी पत्नी केतकी सिंह पूर्व सांसद और वर्तमान में गोंडा से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। उनके बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह गोंडा सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं। बृजभूषण सिंह का गृह जनपद गोंडा के अलावा पूरे देवीपाटन मंडल पर खासा प्रभाव है। बहराइच, बलरामपुर में भी उनके इशारे पर टिकट बंटवारा किया जाता है। क्षेत्र की कम से कम पांच लोकसभा सीटों पर उनका खासा दबदबा है।

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