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गुड न्यूज! CAA की एक अड़चन दूर की गई; जानें क्या थी आवेदकों की मांग और कैसे किया गया बदलाव?

CAA Latest Update: भारतीय नागरिकता संशोधन कानून के एक प्रावधान में बड़ा बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। बदलाव के बाद अब भारत की नागरिकता लेना 3 देशों के नागरिकों के लिए थोड़ा आसान हो गया है। आइए जानते हैं कि क्या बदलाव हुआ है?
02:12 PM Aug 10, 2024 IST | Khushbu Goyal
Citizenship Amendment Act (CAA)
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Citizen Amendment Act Latest Update: केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम में एक बड़ा सुधार करने का फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अब अर्ध-न्यायिक निकाय की ओर से इश्यू किया गया कोई भी दस्तावेज मान्य होगा। बशर्ते माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी तीन देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में से किसी एक के नागरिक हैं या रहे हैं।

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एक्ट में सुधार करने की बड़ी वजह क्या?

खास बात यह है कि गृह मंत्रालय का CAA को लेकर नया अपडेट ऐसे समय में आया है, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता की मांग करने वाले आवेदकों को साल 2024 में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। आवेदकों की परेशानियों को देखते हुए ही सरकार ने इसमें थोड़ा लचीला रूख अपनाते हुए उनको राहत देने का कदम उठाया है। ऐसे में सरकार की ओर से लिए गए ताजा फैसले से आवेदकों को अब भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करना और आसान हो जाएगा।

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आवेदकों को कहां आ रही थी अड़चन?

CAA में अप्लाई करने वाले आवेदकों को एक्ट के जिस हिस्से में दिक्कत आ रही थी। उस खंड में कहा गया था कि आवेदक को कोई भी दस्तावेज जमा कराना होगा। इसका मतलब यह है कि आवेदक के माता-पिता, दादा-दादी, परदादा-परदादी में से कोई भी अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान में से किसी एक का नागरिक है या रहा है, उसे वहां से संबंधित कोई न कोई दस्तावेज जरूरी देना होगा, लेकिन अब इस अड़चन को दूर कर दिया गया है।

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CAA एक्ट में नया क्या बदलाव हुआ?

गृह मंत्रालय ने अपने सबसे लेटेस्ट स्पष्टीकरण में साफ किया है कि एक्ट की अनुसूची-1ए के क्रम संख्या 8 के तहत दस्तावेजों में केंद्र सरकार/राज्य सरकार/भारत में किसी भी न्यायिक या अर्ध न्यायिक निकाय की ओर से जारी कोई भी दस्तावेज शामिल हो सकता है, जैसे कि भूमि रिकॉर्ड, न्यायिक आदेश आदि।

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क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम?

बता दें नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से आने वाले उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई प्रवासियों को ही भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले तक भारत आ चुके उत्पीड़ित अल्पसंख्यक ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया था। दोनों सदनों में भारी विरोध के बावजूद यह अधिनियम पास हो गया था। इसे राष्ट्रपति की ओर से भी मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, CAA को 4 साल की देरी के बाद 11 मार्च 2024 को नोटिफाइड किया गया था।

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Tags :
CAACAA 2019Citizen Amendment Act
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