होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

23000 टीचर्स को झटका, सैलरी लौटाने का आदेश; क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, जिसमें आया HC का फैसला

WB School Teachers Recruitment Scam Verdict: शिक्षक भर्ती घोटाले में अहम फैसला सुनाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका दिया है। साथ ही उन टीचर्स की नौकरी खतरे में पड़ गई है, जिन्हें भर्ती किया गया था। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?
11:13 AM Apr 22, 2024 IST | Khushbu Goyal
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में फैसला सुनाते हुए ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका दिया है।
Advertisement

WB School Teachers Recruitment Scam Verdict: पश्चिम बंगाल के 23 हजार टीचर्स की नौकरी खतरे में पड़ गई है। आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने साल 2016 के शिक्षक भर्ती घोटाले में फैसला सुनाते हुए ममता बनर्जी सरकार और टीचर्स को झटका दिया है। हाईकोर्ट ने 2016 में हुई शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है। स्कूल सेवा आयोग द्वारा स्थापित अवैध पैनल को रद्द कर दिया है।

Advertisement

पूरे पैनल को निरस्त करने को कहा है, जिसके परिणामस्वरूप 23 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। उनको 6 सप्ताह के अंदर सैलरी लौटाने का आदेश भी दिया गया है। वहीं हाईकोर्ट के आदेश हैं कि CBI अपनी जांच जारी रखे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। स्टाफ सेलेक्शन कमीशन भर्ती के लिए नया पैनल गठित करे।

 

Advertisement

जानें क्या है घोटाला और पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014 में पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुए पश्चिम बंगाल के स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने टीचर्स भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया। 2016 में भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई, लेकिन आवेदकों ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आरोप लगाया कि भर्ती में सिफारिशी आवेदकों को प्राथमिकता दी गई। नंबर कम होने के बावजूद नौकरियां दी गईं, जबकि नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों ने TET क्लीयर नहीं किया था।

5 साल चली सुनवाई के बाद मई 2022 में हाईकोर्ट ने CBI को भर्ती की जांच करने के आदेश दिए, क्योंकि शिकायतकर्ताओं ने भर्ती के लिए 5 से 15 लाख रुपये की रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए थे तो ED भी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच करने लगी। सबूत हाथ लगने पर ED ने उस समय शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पित मुखर्जी को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को पद से हटाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया।

यह भी पढ़ें:‘मोदी सुन ले…आजादी’; यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ने क्यों लगाए विरोधी नारे? वायरल हुआ वीडियो

जमानत याचिकाएं खारिज हुईं, विधायक गिरफ्तार किए गए

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले की जांच पूरी करने के बाद CBI ने सितंबर 2023 में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों को आरोपी ठहराया गया। पार्थ जुलाई 2022 से ही जेल में दिन बिता रहे हैं। उनसे हुई पूछताछ से मिले सुराग के आधार पर ED ने अक्टूबर 2023 में तृणमूल कांग्रेस के विधायक और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया। पार्टी के ही युवा नेता शांतनु बनर्जी को दबोचा और कोर्ट को बताया कि करीब 350 करोड़ का घोटाला है। शांतनु ने युवा नेता कुंतल घोष का नाम लिया, जिसे ED अधिकारियों ने दबोचा। मई 2023 में ED ने मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। उनके करीबी सुजाय कृष्ण भद्र को गिरफ्तार किया था।

यह भी पढ़ें:नाक से बहा खून, चश्मा टूटा…मुझे मारने की साजिश हुई; योगी आदित्यनाथ के मंत्री निषाद भड़के, धरने पर बैठे

Open in App
Advertisement
Tags :
Calcutta High Courtmamata banerjeeteachers recruitment scam
Advertisement
Advertisement