कलेजे में कीर्ति चक्र को छूने की कसक, बहू ने ब्लॉक किया नंबर; कैमरे पर कैप्टन अंशुमन के पिता का छलका दर्द
Captain Anshuman Singh father Ravi Pratap Exclusive Interview: सियाचीन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमन सिंह का परिवार काफी चर्चा में है। कीर्ति चक्र मिलने के बाद अंशुमन की पत्नी स्मृति सिंह की भावुक तस्वीरें सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गईं। अंशुमन के माता-पिता ने अब बहू पर कई आरोप लगाए हैं। अंशुमन की शहादत के बाद बहू के घर छोड़ जाने से लेकर परिवार से संपर्क तोड़ने जैसे कई खुलासे सामने आ रहे हैं। ऐसे में अंशुमन के पिता रवि प्रताप सिंह ने न्यूज24 के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में सभी मुद्दों पर चर्चा की है।
दर्द का हद से गुजरना है दवा हो जाना
अंशुमन के पिता का कहना है कि मेरी बहू परिवार का परित्याग करके जा चुकी हैं। घर की बातें ऐसे सरेआम शोभा नहीं देती हैं। दर्द का हद से गुजरना है दवा हो जाना। उन्होंने इतनी अमर्यादित समाजिकता का प्रदर्शन किया। तब हमारा भी सब्र का बांध टूटा और हमने ये बातें मीडिया के सामने रखी। ये बातें मैं 6 तारीख को दिल्ली में या 7 तारीख को लखनऊ में भी मीडिया से कह सकता था। जब राहुल जी से मुलाकात हुई और ये बातें मीडिया में आईं। तो मेरा भी दर्द छलक पड़ा।
कीर्ति चक्र की रिहर्सल
कीर्ति चक्र का जिक्र करते हुए अंशुमन के पिता ने कहा कि समारोह से पहले राष्ट्रपति भवन में रिहर्सल हुई थी। इस दौरान कीर्ति चक्र की बजाए एक कागज का टुकड़ा हाथ में दिया जा रहा था, जिसे मेरी पत्नी ने पकड़ लिया। बाद में पंजाब रेजिमेंट के कर्नल साहब ने कहा कि मैडम ने पेपर ले लिया, ये ठीक नहीं लगा। तो मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि हमारी तरफ से पूरा डेकोरम मेंटेन किया जाएगा।
हमने अपना बेटा खो दिया
अंशुमन के पिता का कहना है कि सम्मान समारोह वाले दिन मैंने अपनी पत्नी से कहा कि आप केवल हाथ लगाना और जब तक कीर्ति चक्र आपके हाथ में ना दिया जाए आप खुद से मत लेना। हमारे लिए सिर्फ बेटे का सम्मान मायने रखता है। हमने अपना बेटा खो दिया। हमारे लिए उसकी बहादुरी ही बहुत है।
कसक रह गई
अंशुमन के पिता ने कहा कि मेरी भी इच्छा थी कि मेरे बेटे की बहादुरी का चक्र है। कम से कम हाथ में लेकर मैं भी उसे देख लेता। मगर ये कसक मेरे कलेजे में ही रह गई। मैं वो अभागा पिता हूं तो अपने बेटे के कीर्ति चक्र को हाथ में लेकर भी नहीं देख पाया। मेरी बहू ने एक बार भी नहीं कहा कि पापा इसे लेकर देख लीजिए।
बहू ने नंबर ब्लॉक किया
बहू से बात करने पर चुप्पी तोड़ते हुए अंशुमन के पिता ने कहा कि मेरा नंबर वो ब्लॉक कर चुकी हैं। मेरी बेटी ने बात करने की कोशिश की। मैंने सीधे तौर पर उनसे कहा कि वो कार्ति चक्र मुझे दे दीजिए। हमने बहुत कोशिश की। मगर कुछ नहीं हुआ।
राहुल गांधी से अग्निवीर पर बात
अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए अंशुमन के पिता ने कहा कि मेरा बेटा साढ़े तीन साल की नौकरी में ही शहीद हो गया था। ऐसे में राहुल गांधी ने मुझसे पूछा कि 4 साल की अग्निवीर है, तो आपके बेटे को क्या मिला? फिर मैंने उन्हें बताया कि मेरे बेटे को रेगुलर आर्मी के तौर पर जो भी सुविधाएं मिलनी चाहिए वो सबकुछ मिली हैं। जितना मैंने सुना है अग्निवीर के बारे में उसके अनुसार इसमें पेंशन संबंधित कुछ बदलाव होने चाहिए।