Kandahar Hijack के 'हीरो' कैप्टन देवी शरण कौन? IC 814 में विजय वर्मा ने निभाया किरदार
Captain Devi Sharan IC 814 Kandahar Hijack: ओटीटी की फेमस वेब सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' काफी चर्चा में है। सीरीज की कहानी जबरदस्त है, तो वहीं आंतकियों के नाम को लेकर भी विवाद छिड़ गया है। अभिनेता विजय वर्मा ने सीरीज में कैप्टन देवी शरण का रोल निभाया है। मगर क्या आप जानते हैं कि कैप्टन देवी शरण सिंह वास्तव में कौन थे?
कैप्टन की अनाउंसमेंट से डरे पैसेंजर
कंधार हाईजैक की कहानी अमूमन सभी जानते हैं। 24 दिसंबर 1999 को नेपाल के काठमांडू से इंडियन एयरलाइंस के एक विमान IC 814 ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी। इस विमान में 176 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के कुछ ही देर में कैप्टन देवी शरण ने एक अनाउंसमेंट की - "मैं आपका कैप्टन बोल रहा हूं, मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि ये प्लेन हाईजैक हो चुका है।" यह सुनने के बाद हर किसी के होश उड़ गए। 5 नबाकपोश लोगों ने प्लेन को हाईजैक कर लिया था। कैप्टन के सिर पर बंदूक तानी गई और प्लेन को पाकिस्तान के लाहौर ले जाने के लिए कहा गया था।
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'फ्लाइट इनटू फियर'
कंधार हाईजैक को देश के सबसे बड़े हाईजैक के रूप में देखा जाता है। 7 दिनों तक चले इस हाईजैक में आतंकियों का प्लान लाहौर से दुबई होते हुए प्लेन को कंधार ले जाने का था। इसकी कहानी कैप्टन देवी शरण ने अपनी किताब 'फ्लाइट इनटू फियर' में लिखी है। बता दें कि कैप्टन देवी शरण ने प्लेन को लाहौर ले जाने से मना कर दिया और प्लेन को पंजाब के अमृतसर में लैंड करवाया गया। मगर आंतकियों को वहां खतरा महसूस हुआ और उन्होंने प्लेन को लाहौर ले जाने के लिए कहा।
कंधार पहुंचा IC 814
लाहौर एयरपोर्ट पर प्लेन की लैंडिंग रोक दी गई। पाकिस्तान एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने प्लेन को लाहौर में लैंड कराने की इजाजत नहीं दी। ऐसे में कैप्टन देवी शरण ने प्लेन की क्रैश लैंडिंग करवाने का नाटक किया और पाकिस्तान को मजबूरी में प्लेन लाहौर में लैंड करवाना पड़ा। इसके बाद IC 814 ने दुबई के लिए उड़ान भरी और फिर इसे अफ्गानिस्तान के कंधार में लैंड कराया गया।
क्या था कैप्टन देवी शरण का प्लान?
दरअसल कैप्टन देवी शरण IC 814 को भारत के आसपास ही रखना चाहते थे, जिससे भारत सरकार हाईजैक जल्द से जल्द आतंकियों के मनसूबों को नाकाम कर सके। यही वजह है कि उन्होंने प्लेन को पहले अमृतसर में लैंड कराया और फिर लाहौर ले गए। मगर आतंकियों के सामने उनकी नहीं चली और आखिर में प्लेन कंधार पहुंच गया। ऐसे में भारत सरकार को मजबूरन आंतकियों से समझौता करना पड़ा और 3 आतंकियों की रिहाई के बदले 155 पैसेंजर्स सुरक्षित भारत वापस लौट सके। कैप्टन देवी शरण की बहादुरी के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था।
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