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चंद्रबाबू नायडू के सामने खाली खजाना बड़ी चुनौती, कैसे पूरे करेंगे 'सुपर सिक्स' वादे?

Chandrababu Naidu Oath CM Post : चंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनकी कैबिनेट के 24 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। अब नायडू के सामने खाली खजाना सबसे बड़ी चुनौती है। अब वे कैसे 'सुपर सिक्स' वादे पूरे करेंगे।
03:05 PM Jun 12, 2024 IST | Deepak Pandey
Chandrababu Naidu Oath CM Post
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Chandrababu Naidu Oath Ceremony (केजे श्रीवत्सन) : आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार का गठन हो गया। चंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार आंध्र प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली, लेकिन अब उनके सामने कई चुनौतियां हैं। नायडू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सूबे की खराब अर्थव्यवस्था को सुधारने की है। साथ ही नई राजधानी का इंफ्रास्ट्रक्चर और भारी भरकम चुनावी वादों को पूरा करने की भी बड़ी चुनौती है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एनडीए के सहयोगी दल के रूप में चंद्रबाबू नायडू केंद्र से आंध्र प्रदेश के लिए कितना बड़ा स्पेशल पैकेज ला पाते हैं।

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नई राजधानी बनाने की जिम्मेदारी

सीएम पद की शपथ लेते ही चंद्रबाबू नायडू की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वे किस तरह से आंध्र प्रदेश को विकास की दौड़ में फिर से शामिल करेंगे। आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद इस साल 2 जून तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी थी। अब आंध्र प्रदेश की नई राजधानी बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है।

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सरकार बदलते ही 3 राजधानियों पर काम हुआ था शुरू

दरअसल, साल 2014 में जब चंद्रबाबू नायडू तीसरी बार सीएम बने तो उन्होंने अमरावती को राजधानी बनाने की घोषणा करते हुए 50 हजार करोड़ की योजना तैयार की थी। करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करके काम भी शुरू हो गया था, लेकिन 2019 में सरकार बदलते ही वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अमरावती की जगह आर्थिक राजधानी के रूप में विशाखापट्टनम, कर्नूल को न्यायिक और अमरावती को कार्यपालिका राजधानी बनने का ऐलान किया। लिहाजा, नायडू सरकार के काम को रोकते हुए तीन राजधानियां बनाने का काम शुरू हो गया। अब नायडू ने विशाखापट्टनम को तो आर्थिक राजधानी रखने की बता कही है, लेकिन उनके सामने अमरावती को राजधानी की शक्ल देना बड़ी चुनौती है।

5 साल में राज्य को 30 साल का पहुंचाया नुकसान

वैसे भी चंद्रबाबू नायडू कई बार कह चुके हैं कि सीएम रहते हुए जगन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश को 5 साल में ही 30 साल के जितना नुकसान पहुंचा दिया। इसके लिए आर्थिक सहायता जुटाना भी आसान काम नहीं है। कहा जा रहा है कि जगन मोहन रेड्डी ने अपने कार्यकाल में सामाजिक कल्याण की योजनाओं पर तो दिल खोलकर खर्च किए, लेकिन वे राज्य में प्रशासनिक और आधारभूत सुविधाओं के निर्माण में चूक कर गए और कोई बड़ा निवेश भी नहीं आया।

लोकलुभावन योजनाओं के चलते खाली हुआ खजाना

नतीजा यह रहा है कि लोकलुभावन योजनाओं के चलते जनता को 2 करोड़ 85 लाख का डायरेक्ट बेनिफिट और पौने दो लाख करोड़ का इन डायरेक्ट योजनाओं का लाभ देने से खजाना खाली हो गया। आंध्र प्रदेश पर 4 लाख 12 हजार करोड़ का भारी भरकम कर्ज है। ऐसे में नायडू के लिए केंद्र से स्पेशल पैकेज लाना जरूरी है।

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20 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा

अगर चंद्रबाबू नायडू के चुनावी वादों की बात करें तो उन्होंने 'सुपर सिक्स' के नाम से 6 बड़े वादे किए हैं। सबसे पहला और बड़ा वादा अगले 5 सालों में 20 लाख लोगों को नौकरी देना है। दूसरा वादा बेरोजगार युवाओं को 3 हजार रुपये रुपये प्रतिमाह भत्ता देने के साथ 1 लाख 60 हजार सचिवालय वोलियंटरों का वेतन दोगुना करना है।

महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा का वादा

टीडीपी सरकार ने सभी महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री यात्रा की सुविधा, वृद्धा पेंशन को 4 हजार से बढ़ाकर 7 हजार और दिव्यांगों के लिए पेंशन की राशि 3 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया है। पूरी तरह से दिव्यांग लोगों को 15 हजार प्रतिमाह देना भी बड़ी चुनौती है। करीब 65 लाख लोगों को 4500 करोड़ रुपये का सामाजिक पेंशन देना कोई आसान काम नहीं है। यही नहीं साल में हर परिवार को तीन गैस सिलेंडर फ्री देने, 19 से 59 साल की महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन देने का वादा भी शामिल है।

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किसानों को हर साल 20,000 रुपये देने का वादा

सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के लिए भी नायडू के वादे बेहद ही खर्चीले हैं। वेतन, पेंशन, कर्ज चुकाने और ब्याज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 1.30 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। करीब 7 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए तैयार की गई पोलावरम परियोजना अभी भी अधर झूल में है। टीडीपी के घोषणापत्र में प्रति किसान 20,000 रुपये प्रतिवर्ष सहायता देने का वादा भी शामिल है, जिसके लिए भारी भरकम रकम चाहिए।

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Andhra Pradesh Newschandrababu naidu
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