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सच में Chandrayaan-3 लॉन्चपैड से जुड़ा टेक्नीशियन बेच रहा इडली? जानें क्या है सच्चाई

09:33 AM Sep 20, 2023 IST | Om Pratap
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Chandrayaan 3 launchpad Technician Claim Fact-Check: भारत के मून मिशन 'चंद्रयान 3' लॉन्चपैड से जुड़े टेक्नीशियन दीपक उपरारिया के दावे से जुड़ी रिपोर्ट का केंद्र सरकार ने खंडन किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ISRO के चंद्रयान-3 लॉन्चपैड से जुड़ा एक टेक्नीशियन रांची में सड़क किनारे दुकान लगाकर इडली बेच रहा है।

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BBC की रिपोर्ट में कहा गया है कि दीपक कुमार उपरारिया, HEC यानी हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड में बतौर टेक्नीशियन काम करते थे। दीपक ने झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा इलाके में खाने-पीने की दुकान खोली है, जहां वे इडली बेचते हैं। दीपक की दुकान रांची के धुर्वा इलाके में पुरानी विधानसभा के सामने है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि HEC ने चंद्रयान-3 के लिए फोल्डिंग प्लेटफॉर्म और स्लाइडिंग डोर बनाया था। अब HEC ने दीपक को 18 महीने से वेतन नहीं दिया है, जिससे उन्हें इडली की दुकान लगानी पड़ी। रिपोर्ट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा है कि प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट की ओर से तथ्यों की जांच की गई है और BBC की रिपोर्ट भ्रामक है।

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पीआईबी की पोस्ट में कहा गया कि HEC ने चंद्रयान -3 के लिए कोई घटक (component) नहीं बनाया। साथ ही 2003 और 2010 के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को केवल कुछ बुनियादी ढांचे की आपूर्ति की।

बता दें कि BBC की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि दीपक उपारिया की तरह करीब 2,800 कर्मचारियों को पिछले 18 महीनों से सैलरी नहीं मिली है। उपारिया के हवाले से BBC ने कहा कि वे अपनी दुकान और ऑफिस का काम एक साथ संभाल रहे हैं। वे सुबह इडली बेचते हैं और फिर दोपहर बाद ऑफिस जाते हैं। शाम को घर लौटने से पहले एक बार फिर वे इडली की दुकान लगाते हैं।

दीपक का दावा- सैलरी नहीं मिली, तो कर्ज लिया

दीपक उपारिया ने दावा किया कि सैलरी नहीं मिली थी, तो मैंने कर्ज लिया था, लेकिन इसे चुकाने में असफल रहा, इसलिए लोगों ने मुझे पैसे देना बंद कर दिया है। BBC के मुताबिक, दीपक उपरारिया मूलरूप से मध्य प्रदेश के हरदा जिले के रहने वाले हैं। HEC ज्वाइन करने से पहले वे किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे, लेकिन 2012 में उन्होंने जॉब छोड़ दिया और 8 हजार रुपये मासिक वेतन पर HEC ज्वाइन कर लिया।

उधर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सीनियर सलाहकार कंचन गुप्ता ने एक्स पोस्ट में संसद में भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया। पोस्ट में के जरिए पुष्टि की गई कि HEC को चंद्रयान-3 से संबंधित कोई काम नहीं सौंपा गया था और केवल कुछ बुनियादी ढांचे की आपूर्ति की गई थी।

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Tags :
Chandrayaan 3 launchpad TechnicianChandrayaan 3 technician deepak uprariyaHeavy Engineering CorporationIndia moon missionTechnician Claim Fact-Check
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