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रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, देने होंगे 25 लाख रुपये

Chennai University Sexual Assault Case Details Leaked: चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय में हुआ रेप केस काफी चर्चा में है। वहीं पीड़िता की पर्सनल डिटेल्स लीक होने से मद्रास हाईकोर्ट बेहद खफा है। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है।
09:48 AM Dec 29, 2024 IST | Sakshi Pandey
मद्रास हाईकोर्ट
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Chennai University Sexual Assault Case Details Leaked: चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी की चर्चा हर तरफ हो रही है। इसी बीच पीड़िता की पर्सनल डिटेल्स भी लीक हो गई हैं। इसे लेकर पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस और सरकार को तगड़ी फटकार लगाते हुए 25 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है।

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हाईकोर्ट ने किया SIT का गठन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता की पर्सनल जानकारी FIR रिपोर्ट से लीक हुई है। यह डिटेल्स सामने कैसे आई? इसकी जांच के लिए महिला SIT का गठन किया गया है। मद्रास हाईकोर्ट में दो जजों की अवकाश पीठ ने IPS अधिकारी भुक्या स्नेहा प्रिया, अयमान जमाल और एस बृंदा को इस SIT में शामिल किया है। तमिलनाडु सरकार ने भी हाईकोर्ट के इस फैसले को हरी झंडी दिखा दी है।

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25 लाख मुआवजा और फ्री में शिक्षा

मद्रास हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एस एम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि जब संविधान महिला और पुरुषों में भेदभाव नहीं करता, तो समाज यह निर्धारित नहीं कर सकता कि महिलाओं को कैसे बर्ताव करना चाहिए। FIR लीक होने से पीड़िता को गहरी ठेस पहुंची है। ऐसे में सरकार पीड़िता को 25 लाख रुपए का मुआवजा दे। साथ ही अन्ना विश्वविद्यालय बिना फीस लिए पीड़िता की शिक्षा पूरी करवाए।

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पुलिस आयुक्त से पूछा सवाल

चेन्नई के पुलिस आयुक्त ए अरुण को सबसे ज्यादा हाईकोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। दरअसल घटना के बाद अरुण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में ज्ञानशेखरन ही एकमात्र आरोपी है। ऐसे में कोर्ट ने अरुण से सवाल पूछते हुए कहा कि आप शुरुआती जांच में इस निष्कर्ष तक कैसे पहुंच गए? अगर एक वरिष्ठ अधिकारी ही मीडिया के सामने इस तरह के बयान देगा, तो जांच एजेंसियां कैसे अपना काम पूरा करेंगी?

कैसे लीक हुईं पर्सनल डिटेल्स?

बता दें कि पुलिस ने पीड़िता की FIR कॉपी पर्सनल डिटेल्स और पते के साथ ऑनलाइन अपलोड कर दी थी। हालांकि बाद में इसे हटा दिया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब यह जानकारी लीक हो चुकी है। पुलिस की इस लापरवाही से मद्रास हाईकोर्ट काफी नाराज है।

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