होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

जज सा‍ह‍िबा ने बना दी जोड़ी! तलाक लेने आए पति-पत्नियों को याद द‍िलाए 7 फेरों के वचन, खुशी-खुशी लौटे कपल्स

Chhattisgarh Bemetara Couples denied for Divorce: शादी से परेशान होकर कई कपल्स अक्सर तलाक का फैसला कर लेते हैं। मगर छत्तीसगढ़ की अदालत से एक गजब की खबर सामने आई है। बेमेतरा की फैमिली कोर्ट में जज नीलिमा सिंह ज्यादातर कपल्स को साथ रहने के लिए मना लेती हैं। आइए जानते हैं कैसे?
11:48 AM Sep 30, 2024 IST | Sakshi Pandey
Advertisement

Chhattisgarh Bemetara Couples denied for Divorce: कपल्स में तलाक लेना अब एक आम बात हो गई है। न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के सभी देशों में तलाक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शादी के कुछ साल बाद ही लोग अलग होने का फैसला कर लेते हैं। तलाक से 2 परिवारों की जिंदगियों पर भी असर पड़ता है। खासकर बच्चों की मानसिक स्थिति पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिलता है। मगर कई बार कपल्स आपसी लड़ाई-झगड़े में परिवार और बच्चों को नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ की एक अदालत से चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। अदालत में तलाक लेने गए कपल्स खुशी-खुशी बाहर आते हैं और हमेशा साथ रहने के लिए राजी हो जाते हैं। आखिर यह कैसे मुमकिन है?

Advertisement

जज ने याद दिलाई सप्तपदी

हम आपको बता दें कि इसके पीछे जज साहिबा का हाथ है। जी हां, बेमेतरा की फैमिली कोर्ट में महिला जज नीलिमा सिंह ने यह चमत्कार कर दिखाया है। उन्होंने कई कपल्स को दोबारा साथ रहने के लिए राजी कर लिया है। तलाक लेने पर अड़े कपल्स अमूमन किसी की नहीं सुनते, मगर जज नीलिमा सिंह ने नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाया है। अब आप सोच रहे होंगे आखिर उन्होंने यह कैसे किया। तो यह सब कुछ सप्तपदी के कारण हुआ है।़

यह भी पढ़ें- बिहार में बाढ़ से मचा ‘हाहाकार’, 13 जिले पानी में डूबे, खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं कोसी-गंडक

जज की अनूठी तरकीब

शादी के समय पति और पत्नी अग्नि के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए 7 वचन लेते हैं। इसे ही सप्तपदी कहा जाता है। आमतौर पर शादी के 7 वचन संस्कृत में होते हैं। मगर जज नीलिमा सिंह ने इनका हिंदी अनुवाद करके ऑफिस में फ्रेम लगवाया है। इसके अलावा उनके पास सप्तपदी की फोटोकॉपी भी है, जिसे वो कपल्स को पढ़ने के लिए देती हैं। इस तरकीब से जज नीलिमा सिंह ने 21 सितंबर को ही 2 दर्जन से ज्यादा मामले सुलझा दिए थे।

Advertisement

40 साल पुरानी शादी टूटने से बचाई

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार 58 साल की महिला कई सालों से पति के साथ एक कमरे में नहीं रहती थी। दोनों की शादी को 40 साल हो गए हैं, लेकिन महिला एक ही घर के अलग कमरे में रहती है। वहीं अब उम्र के आखिरी पड़ाव पर दोनों ने अलग होने का फैसला करते हुए अदालत में तलाक की अर्जी डाल दी। फैमिली कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज नीलिमा सिंह ने दोनों कपल्स से 7 वचन दोहराने को कहे। इसे पढ़ने के बाद दोनों कपल भावुक हो उठे और उन्होंने तलाक लेने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था 6 महीने का कूलिंग पीरियड

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पति और पत्नी के तलाक के बीच 6 महीने का कूलिंग पीरियड होना चाहिए, जिससे दोनों के बीच सुलह की गुंजाइश रहे। हालांकि 90 प्रतिशत मामलों में कपल्स अक्सर तलाक ले लेते हैं। जज नीलिमा सिंह की कोर्ट की कहानी बिल्कुल उल्टी है। नीलिमा सिंह की अदालत में आने वाले ज्यादातर दंपत्तियों में सुलह हो जाती है और वो खुशी-खुशी घर वापस लौट जाते हैं।

यह भी पढ़ें- तेंदुए ने बच्चे की गर्दन दबोची और…झाड़ियों में मिली खून से सनी लाश, उत्तराखंड में डराने वाला मामला

Open in App
Advertisement
Tags :
Chhatisgarh News
Advertisement
Advertisement