होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Success Story: AIR 1 लाने वाले चित्रांग मुर्डिया ने क्यों छोड़ा IIT बॉम्बे? वजह जान हर कोई रह गया हैरान

Chitraang Murdia IIT Jee AIR 1: IIT-JEE में पहली रैंक हासिल करने वाले चित्रांग मुर्डिया ने कॉलेज छोड़ दिया। IIT बॉम्बे में 1 साल पढ़ाई करने के बाद चित्रांग ने अपने पैशन को चुना और IIT छोड़ने का फैसला कर लिया।
10:23 AM Sep 07, 2024 IST | Sakshi Pandey
Advertisement

Chitraang Murdia IIT-JEE Success Story: IIT-JEE को न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में गिना जाता है। हर साल देश के अलग-अलग कोनों से लाखों बच्चे इस परीक्षा में बैठते हैं, मगर कामयाबी कुछ चुनिंदा बच्चों को ही मिलती है। इतनी कठिन परीक्षा में रैंक 1 लाना आसान नहीं होता। राजस्थान के चित्रांग मुर्डिया ने 2014 में यह मुश्किल काम कर दिखाया था। 2014 में IIT-JEE की एडवांस परीक्षा में AIR 1 लाने वाले चित्रांग मुर्डिया को IIT बॉम्बे में एडमिशन मिला था।

Advertisement

चित्रांग ने लिया चौंकाने वाला फैसला

IIT बॉम्बे में एक साल तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। चित्रांग मुर्डिया ने अपने पैशन को IIT से ऊपर रखा। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में दाखिला ले लिया। इस बारे में बात करते हुए चिंत्राग कहते हैं कि यह बेहद मुश्किल फैसला था। हर कोई मेरे इस फैसले से हैरान था। मेरे दोस्तों ने भी मुझे ऐसा करने से मना किया। लोगों का कहना था कि तुम बच्चे हो और सही-गलत के बीच अंतर नहीं जानते हो। IIT करने के बाद तुम लाखों कमाओगे। मगर मैंने किसी की एक नहीं सुनी और अपने पैशन को फॉलो किया।

यह भी पढ़ें- फुटपाथ पर गुब्बारे बेचे, चर्च में बिताईं रातें…जानें MRF के मालिक मैम्मेन मप्पिलाई की सक्सेस स्टोरी

चित्रांग ने फॉलो किया पैशन

चित्रांग मुर्डिया ने 2018 में MIT से फिजिक्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कैलिफॉर्निया विश्वविद्यालय से 2023 में पीएचडी पूरी की और अब वो पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता हैं। चित्रांग का कहना है कि मैंने अक्सर देखा है कि जो बच्चे मैथ्स और फिजिक्स में अच्छे होते हैं, वो भीड़ का साथ देते हुए कंप्यूटर साइंस और इलेक्टिकल इंजीनियरिंग को प्राथमिकता देते हैं। मेरा फैसला उन बच्चों के लिए मिसाल पेश करेगा, जो अपने पैशन को पूरा करने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन परिवार के प्रेशर या पैसों की तंगी की वजह से ऐसा नहीं कर पाते हैं।

Advertisement

यह भी पढ़ें- एक गलती से टूटी रीढ़ की हड्डी और…जानें धरमबीर सिंह कौन? जिन्होंने पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड

Open in App
Advertisement
Tags :
IITSuccess Story
Advertisement
Advertisement