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'पुजारी का टैक्स भी काटा जाएगा...', पादरियों की सैलरी पर लगने वाले टैक्स पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को रिटायरमेंट के दिन सुनाए गए फैसले में कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है। अगर कोई व्यक्ति नौकरी करता है तो उसे टैक्स तो देना ही पड़ेगा।
09:28 AM Nov 09, 2024 IST | Rakesh Choudhary
CJI Chandrachud on Salary of Priest
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CJI Chandrachud on Salary of Priest: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का आखिरी दिन था। वे शुक्रवार को रिटायर हो गए। इस दौरान उन्होंने यादगार भाषण दिया। इससे पहले उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। जिनमें से एक था चर्च में पादरियों को सैलरी पर मिलने वाले टैक्स डिडक्शन से जुड़ा फैसला। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने इससे जुड़ी 93 याचिकाओं को खारिज कर दिया।

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कोर्ट ने कहा कि अगर चर्च में सरकार द्वारा नियुक्त पादरियों के खाते में सैलरी आती है तो उस पर टैक्स तो देना पड़ेगा। बता दें कि यह प्रथा 1944 में ब्रिटिश काल में देशभर में शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास के तौर पर शुरू की गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि नन और पादरी सहायता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाकर जो सैलरी कमाते हैं, वह काॅन्वेंट को सौंप दी जाती है, इसलिए वह सैलरी उनकी अपनी नहीं रहती। इस पर पूर्व सीजेआई ने कहा कि सैलरी तो उनके पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।

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कानून सभी के लिए बराबर

पूर्व सीजेआई ने कहा कि उन्हें सैलरी दी जाती है, लेकिन उन्होंने यह जीवन चुना है, वे कहते हैं कि मैं ये सैलरी नहीं लूंगा, क्योंकि वह पर्सनल इनकम नहीं रख सकते। लेकिन यह सैलरी पर लगने वाले कर को कैसे प्रभावित कर सकता है? टीडीएस तो काटा ही जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए समान है, जो व्यक्ति नौकरी करता है, वह टैक्स के दायरे में आएगा।

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पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कोई हिंदू पुजारी कहे कि मैं सैलरी नहीं लूंगा और सैलरी किसी संगठन को दे दूंगा...तो ये उनकी मर्जी है। कानून सभी के लिए बराबर है, आप ये कैसे कह सकते हैं कि टीडीएस न काटा जाए।

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priestSupreme Court
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