क्या सिलेंडर-पत्थर से वाकई पलट सकती है ट्रेन? आखिर क्या कहता साइंस
Ajmer Kanpur Train Accident Inside Story: आजकल ट्रेनों के साथ हो रही दुर्घटनाओं से रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आज राजस्थान के अजमेर में फुलेरा से अहमदाबाद जा रही ट्रेन को पलटाने की कोशिश की गई। ट्रेन के रास्ते में किसी ने पटरी पर सीमेंट के ब्लॉक रख दिए, जिनका वजन करीब 70 किलो था। ट्रेन इससे टकराई, लेकिन बेपटरी होने से बच गई। बीते दिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की कोशिश हुई थी। किसी ने पटरी पर सिलेंडर, पेट्रोल बम रख दिया था।
सिलेंडर से ट्रेन टकराई और वह दूर जाकर गिरा। अगर सिलेंडर ट्रेन के पहियों में फंस जाता तो ट्रेन पलट जाती और पैसेंजर्स मारे जाते। रेलवे विभाग ने दावा किया है कि इस तरह की हरकतें करके ट्रेन हादसा कराने की साजिश रची जा रही है, जबकि पुलिस विभाग का कहना है कि कोई साजिश नहीं है, बल्कि शरारती तत्वों की हरकतें हैं, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या वाकई सिलेंडर, पत्थर और सिक्के ट्रेन को पलटा सकता हैं? इस पर साइंस क्या कहता है? क्या ट्रेन ऐसे ही किसी भी चीज से टकराकर पलट जाएगी?
इस वजह से नुकसान नहीं पहुंचा सकते सिलेंडर-पत्थर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिलेंडर से ट्रेन नहीं पलट सकती। सिलेंडर भारी होता और इसका वजन गैस समेत करीब 20 किलो हो सकता है, लेकिन ट्रेन इससे कहीं ज्यादा भारी है, इसलिए एक 20 किलो का सिलेंडर ट्रेन को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। यह हो सकता है कि सिलेंडर फंस जाए और ट्रेन पटरी से उतर जाए, लेकिन इसके पलटने की बात ही नहीं उठती। ऐसा ही पत्थरों के साथ है।
चाहे जितने मर्जी बड़े पत्थर ट्रैक पर रख दिए जाएं, वे टक्कर लगने पर रगड़ खाएंगे और ट्रैक को नुकसान पहुंचाएगे। इनसे ट्रेन पटरी से उतर सकती है, लेकिन पलट नहीं सकती। ट्रेन के नीचे दबने से पत्थर चूर-चूर हो जाएंगे। न ही सिक्के हादसे का कारण बन सकते हैं, क्योंकि सिक्के तो ट्रेन के दबाव से पिचक ही जाएंगे। वैसे भी ट्रेन की पटरी के साथ छेड़छाड़ करना कानूनी अपराध है। आप जेल जा सकते हैं।
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इसलिए डिरेल नहीं हो सकती ट्रेन
बता दें कि रेल हादसे हो जाते हैं, लेकिन जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेन हादसे होने आसान नहीं हैं। रेलवे ट्रेनों की सुरक्षा के लिए कई तरह के तरीके अपनाता है। ट्रेन को डिजाइन ऐसे किया जाता है कि वह न पलट सकती है और न ही पटरी से उतर सकती है। क्योंकि ट्रेन के पहियों में काफी गैप होता है। इस वजह से ट्रेन के पहिए पटरी से चिपक जाते हैं।
उन्हें डिजाइन ऐसे किया जाता है कि वे मोड़ खाती पटरियों के साथ अपने आप मुड़ जाते हैं और तेजी से दौड़ते हैं। इनके किनारे भी बाहर की तरफ निकले होते हैं। अगर ट्रेन को डिरेल करना है तो उसके पहियों को पटरी से एक इंच ऊपर उठाना होगा, तब पहियों के बीच का हिस्सा ट्रैक से हटेगा और पटरी से उतरकर ट्रेन हादसे का शिकार हो जाएगी। सिलेंडर, सिक्के और पत्थर जैसी चीजें ट्रेन के पहियों को ऊपर नहीं उठा सकते।
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