Cyrus Mistry: डेढ़ साल की खोज के बाद बनाए गए थे टाटा ग्रुप में चेयरमैन, चार साल काम करने के बाद हुआ था विवाद
अमित कसाना, नई दिल्ली: सायरस मिस्त्री का वर्ष 2016 में टाटा के साथ विवाद हुआ था। मीडिया में इस विवाद ने बड़ी सुर्खियां बटोरी थी। जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2012 में रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था। इससे पहले टाटा ग्रुप ने डेढ़ साल की खोज के बाद उन्हें इस पद के लिए चुना था। लेकिन चेयरमैन बनाए जाने के 4 साल बाद 2016 में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया। सूत्रों की मानें तो यह विवाद अब तक चल रहा है।
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हाल ही में टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की एजीएम बैठक हुई थी। इसमें एक बार फिर सायरस मिस्त्री के अगुवाई वाले शापूरजी पलौंजी ग्रुप और टाटा ग्रुप में त्यौरियां चढ़ी दिखाई दी थी। मीटिंग में टाटा संस ने चेयरमैन की नियुक्ति से संबंधित नियम में बदलाव को मंजूरी दी। लेकिन एसपी ग्रुप ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। एसपी ग्रुप की टाटा संस में 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है और यह कंपनी का सबसे बड़ा माइनोरिटी स्टेकहोल्डर है।
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मीटिंग में एसपी ग्रुप ने ज्यादा डिविडेंड देने की मांग उठाई। इतना ही नहीं उसने दो डायरेक्टर्स की नियुक्ति का विरोध किया और एक डायरेक्टर की फिर से नियुक्ति के मामले में वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। इससे पहले टाटा समूह ने टाटा संस में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खुद खरीदने का प्रस्ताव दिया था। जिसके लिए मिस्त्री परिवार तैयार नहीं था। यह मामला कोर्ट में भी पहुंचा था जिसने टाटा के पक्ष में फैसला दिया था। एसपी ग्रुप पर भारी कर्ज है और उसने टाटा संस के कुछ शेयरों को गिरवी रखा है।
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