नहीं रहे वायु सेना के सबसे बुजुर्ग पायलट, जानें कौन थे 103 साल के दलीप सिंह मजीठिया
Dalip Singh Majithia: भारतीय वायुसेना के स्वाड्रन लीडर रहे दलीप सिंह मजीठिया का निधन हो गया है। दूसरे विश्वयुद्ध में इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बनने वाले दलीप ने उत्तराखंड स्थित अपने फार्म हाउस पर सोमवार को आखिरी सांस ली। दलीप सिंह मजाठिया एयरफोर्स के सबसे पुराने पायलट थे। उन्होंने 103 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा है। वहीं आज यानी मंगलवार को मजाठिया की बेटी उनका अंतिम संस्कार करेंगी।
भारतीय वायुसेना में शामिल
दलीप मजाठिया का जन्म 27 जुलाई 1920 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ था। 1940 में दूसरा विश्व युद्ध शुरू होने के बाद दलीप मजाठिया ने भारतीय वायुसेना ज्वॉइन कर ली। वायुसेना में उन्हें पायलट की ट्रेनिंग मिली और कुछ ही सालों में वो इंडियन एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर बन गए।
दलीप मजाठिया की स्क्वाड्रन टीम
कई बड़े आर्मी ऑफिसर दलीप मजाठिया की स्क्वाड्रन का हिस्सा थे। इस लिस्ट में वीर चक्र विजेता एयर मार्शल रणधीर सिंह और अशगर खान भी शामिल थे। पाकिस्तान के गठन के बाद अशगर खान ही पाक एयरफोर्स के चीफ ऑफ एयर स्टाफ बने थे।
1947 में हुए रिटायर
भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर रहे दलीप मजाठिया 18 मार्च 1947 को रिटायर हुए थे। रियारमेंट के बाद वो अपने परिवार के साथ गोरखपुर में बस गए। खबरों की मानें तो आज दलीप मजाठिया की बेटी उनका अंतिम संस्कार करेंगी और उनकी भोग सेरेमनी दिल्ली में आयोजित की जाएगी। हालांकि भोग सेरेमनी की तारीख अभी सामने नहीं आई है।
वायुसेना ने मनाया था 100वां जन्मदिन
भारतीय वायुसेना ने दलीप मजाठिया का 100वां जन्मदिन काफी धूम धाम से मनाया था, जिसकी तस्वीरें भारतीय वायुसेना ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर की थी। दलीप मजाठिया बेशक अब हमारे बीच में नहीं रहे, मगर भारतीय सेना में उनका अहम योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।