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राफेल और मिराज की मेंटेनेंस के लिए Dassault ने तैयार किया ये खास प्लान, दुश्मनों की बढ़ेगी टेंशन

Dassault Aviation New MRO Plan: फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने भारतीय लड़ाकू विमानों राफेल और मिराज को लेकर खास प्रोजेक्ट तैयार किया है। डसॉल्ट ने विमानों के लिए खास तौर पर एक शहर में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) बनाने का फैसला लिया है। विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।
08:28 PM Sep 24, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Dassault Aviation New Plan: डसॉल्ट एविएशन ने भारतीय लड़ाकू विमानों को लेकर खास प्रोजेक्ट तैयार किया है। एविएशन ने फ्रांसीसी मूल के भारतीय वायुसेना में शामिल लड़ाकू विमानों के लिए यूपी के एक शहर में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है। जिसके तहत इंडियन एयरफोर्स में 1980 के दशक में शामिल 50 मिराज 2000 विमानों का रखरखाव किया जाएगा। हाल के वर्षों में शामिल राफेल के 36 विमानों को भी प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया जाएगा। डसॉल्ट एविएशन ने एमआरओ के लिए नोएडा शहर का चयन किया है। भारत की ओर से INS विक्रांत के लिए भी 26 राफेल मरीन विमानों की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है।

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बड़े सौदे की तैयारी

वर्तमान समय में INS विक्रांत की डेक में मिग-29K विमान शामिल हैं। अगर बात सिरे चढ़ी तो राफेल मरीन विमानों का सौदा लगभग 50 हजार डॉलर (41,80,850 रुपये) में तय हो जाएगा। ये दोहरे इंजन वाले डेक आधारित विमान हैं, जो समुद्र में निरंतर युद्ध संचालन के लिए बनाए गए हैं। इससे भारत की समुद्री ताकत में इजाफा होगा।

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भारतीय रक्षा अधिकारियों के मुताबिक फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवरहाल इंडिया (DASROI) ने एमआरओ बनाने के बारे में सूचना दी है। जिसके तहत फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमानों का रखरखाव किया जाएगा। डसॉल्ट एविएशन ने इसको लेकर रक्षा मंत्रालय से संपर्क साधा है। यूपी के नोएडा में औद्योगिक इलाके में यह स्थापित किया जाएगा। हालांकि जगह को लेकर अभी चयन किया जाना है।

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लंबे समय तक वायुसेना को मिलेगी मदद

कंपनी ने रक्षा मंत्रालय को जानकारी दी है कि भारत में डसॉल्ट के पुराने प्रतिनिधि पोसिना वेंकट राव को नई कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बनाया जाएगा। बता दें कि राव कई दशकों से भारत में डसॉल्ट एविएशन से जुड़े मामलों को देख रहे हैं। उनकी टीम में फ्रांसीसी और भारतीय दोनों देशों के नागरिकों को शामिल किया जाएगा।

डसॉल्ट का कहना है कि अगर भारतीय वैमानिकी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र (Indian Aeronautical Industrial Ecosystem) का सहयोग उनको मिलता रहा तो जल्द DAMRO तकनीक को MRO में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। जिससे फ्रांसीसी मूल के विमानों की आयु में इजाफा हो जाएगा। वे लंबे समय तक भारतीय वायुसेना के काम आ सकेंगे। बता दें कि भारतीय वायुसेना ने फिलहाल अंबाला और हाशिममारा में राफेल विमानों के दो बेस तैयार किए हैं।

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Tags :
DassaultRafale fighter aircraft
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