सावधान! भीषण ठंड हाड़ कंपाने को तैयार; दिल्ली में AQI 400 के करीब, जानें कब बरसेंगे बादल?
Delhi Weather Forecast: दिल्ली में नवंबर के महीने में जहां सुबह-शाम गुलाबी ठंड महसूस होने लगती है, वहीं इस बार स्मॉग और वायु प्रदूषण के कारण गर्मी महसूस हो रही है। इस बार अक्टूबर जहां 73 सालों में पहली बार सबसे गर्म महीना रहा। वहीं नवंबर में भी ऐसी ही गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिन और तापमान 30 से 32 डिग्री के बीच रहने के आसार हैं।
हालांकि दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने से ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार मानसून खत्म होने के बाद भी अक्टूबर-नवंबर महीने में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव नहीं हुआ है। इसलिए इन दोनों महीनों में दिल्ली में बारिश नहीं हुई। इसलिए वायु प्रदूषण के हालात भी खराब हो रहे हैं। आज 8 नवंबर की सुबह दिल्ली का AQI 383 रिकॉर्ड हुआ है। वहीं आज भी राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ज्यादा है। इस स्मॉग के कारण ही दिल्ली की हवा खराब है।
दिल्ली में कब बरसेंगे बादल?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी में लगातार 9वें दिन वायु प्रदूषण के कारण हवा जहरीली बनी हुई है। 30 अक्तूबर को दिल्ली में AQI 307 था। 30 अक्तूबर से 7 नवंबर के बीच AQI 400 के करीब रहा। इन 7 दिन में सबसे ज्यादा 382AQI 3 नवंबर को रिकॉर्ड हुआ। हवाओं की गति, तापमान में कमी, वाहनों के धुंए के कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। अगर बारिश हो जाए तो यह वायु प्रदूषण धुल जाए, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में इस महीने बारिश होने की संभावना नहीं है।
16 से 21 नवंबर के बीच पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा, लेकिन कमजोर होने के कारण बादल नहीं बरसेंगे। पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली-NCR में अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट आई है। दिल्ली में अधिकतम और न्यूनतम तापमान 30-32°C और 15-19°C के बीच है। अधिकतम तापमान सामान्य से 1-2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1-2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से 4 -5°C अधिक था। स्मॉग के हालात और खराब हो गए हैं।
दिल्ली में क्यों पड़ेगी सामान्य से ज्यादा ठंड?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने भविष्यवाणी की है कि इस बार भारत की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ेगी। 15 नवंबर के बाद कभी भी ठंड का यह सीजन शुरू हो सकता है। ऐसा ला नीना एक्टिव होने से होगा। इस बार दिसंबर से फरवरी तक ला नीना के कारण प्रशांत महासागर की सतह ठंडी होगी और प्रशांत महासागर से उठने वाली हवाएं भारत को स्ट्राइक करेंगी। अल नीनो एक्टिव होने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। ला नीना एक्टिव होने से धरती ठंडी होती है।
अल नीनो अब सुस्त पड़ने लगा है और ला नीना के एक्टिव होने का मार्ग खुलने लगा है। अल नीनो इस समय तटस्थ कंडीशन में है, इसलिए दिसंबर में ला नीना उभरेगा। हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने इस पर अभी कोई अपडेट नहीं दिया है, लेकिन दिल्ली में ठंड बढ़ने से हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार में भी ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। दूसरी ओर पहाड़ों पर बर्फबारी होने से भी उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ेगी और घना कोहरा छाने के आसार हैं।