'लोकतांत्रिक सरकार की कोई नहीं ले सकता जगह', बांग्लादेश की स्थिति पर दिग्गज नेता डॉ. कर्ण सिंह का बड़ा बयान
Dr. Karan Singh Statement on Bangladesh: दिग्गज राजनेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल डॉ. कर्ण सिंह ने बांग्लादेश की हालिया स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने उपद्रवियों द्वारा बांग्लादेश के जनक और बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने पर दुख जताया है। आगे उन्होंने बांग्लोदश की पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रति अपना समर्थन जताते हुए हिंसा करने वाले लोगों की निंदा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की घटनाओं ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि किसी भी देश में आर्थिक विकास कभी भी लोकतांत्रिक सरकार की जगह नहीं ले सकता है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर राहत व्यक्त करता हूं कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना देश से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहीं।
छात्रों को पता होना चाहिए बांग्लादेश की सच्चाई
डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के जनक थे और यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उनके बिना बांग्लादेश अभी भी पाकिस्तानी शासकों के पैरों तले दबा होता। यह आश्चर्यजनक है कि छात्रों को बांग्लादेश के अस्तित्व के पीछे छिपी इस सच्चाई के बारे में पता नहीं है। उन्होंने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि उन्हें आज भी याद है जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान 16 दिसंबर 1971 में पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने 72000 सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और सैकड़ों वर्ग मील पाकिस्तानी क्षेत्र को हमारे नियंत्रण में छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि उन्हें बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान से उस समय मिलने का मौका मिला जब वे जेल से रिहा होने के बाद ढाका जाते समय दिल्ली में रुके थे।
शेख हसीना शांति और सद्भाव के साथ जीने की हकदार
डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि शेख हसीना के परिवार ने पिछली आधी सदी में बहुत कष्ट झेले हैं और अब वह अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच शांति और सद्भाव के साथ अपना जीवन जीने की हकदार हैं। मुझे यकीन है कि अगर वह भारत में रहना चाहेंगी तो उनका हमेशा यहां स्वागत किया जाएगा।
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह को दी श्रद्धांजलि
डॉ. कर्ण सिंह ने पूर्व विदेश मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. नटवर सिंह के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि मेरे अच्छे मित्र और सहकर्मी के. नटवर सिंह का निधन हो गया है। वह बिल्कुल मेरी उम्र के थे और मैं उन्हें कम से कम छह दशकों से जानता था। उन्होंने कई वर्षों तक कई देशों में विदेश सेवा अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाई। मैं उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी पत्नी राजकुमारी हेम कौर और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
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