मणिपुर हिंसा में ड्रोन बम की एंट्री, अलग कुकीलैंड की मांग, फिर भड़की हिंसा में 2 की मौत
Manipur Violence News: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है। इंफाल के बाहरी इलाके में ताजा हिंसा भड़कने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक गोलीबारी में महिला समेत दो की मौत हो गई है। वहीं महिला की 13 साल की बेटी और एक पुलिस अधिकारी समेत 9 लोग घायल हुए हैं। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया।
अचानक हुए हमले से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक घायल 9 लोगों में से 5 को गोली लगी है, जबकि बाकी को बम के छर्रे लगे हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमले में ड्रोन बम का इस्तेमाल हुआ है।
कुकीलैंड की मांग
कुकी जो समुदाय के लोगों ने 31 अगस्त को मणिपुर के चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल में रैलियां निकालीं। कुकी जो की मांग है कि मणिपुर में अलग कुकीलैंड बनाया जाए, जो केंद्र शासित प्रदेश हो। इन संगठनों का कहना है कि पुडुचेरी की तर्ज पर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही राज्य को जातीय संघर्ष से बाहर निकालने का एकमात्र रास्ता है।
'सीएम हमें मूर्ख समझते हैं'
राज्य के सीएम बीरेन सिंह के बयान से नाराज कुकी-जो विलेज वॉलंटियर्स ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि अगर मैतेई लोगों ने 3 दिन में गांव खाली नहीं किया तो कुकी वॉलंटियर्स उन्हें खदेड़ देंगे। वीडियो में कुकी वॉलंटियर को यह कहते सुना जा सकता है कि मैतेई उग्रवादी चूराचांदपुर-कांग्पोकपी को लगातार निशाना बना रहे हैं और सीएम ने कहा है कि राज्य में शांति है। वे कुकी जो को मूर्ख समझते हैं।
मई 2023 से जारी है हिंसा
मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मणिपुर हिंसा में अभी तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।
क्यों भड़की हिंसा
मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मैतेई समुदाय ने दलील दी थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा प्राप्त था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए।
हाईकोर्ट का यही फैसला कुकी को नागवार गुजरा और राज्य में हिंसा भड़क उठी। नगा और कुकी समुदाय के लोग मैतेयी को आरक्षण देने के खिलाफ हैं। मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 मैतेई समुदाय से हैं, जबकि 20 जनजाति समाज से हैं। अब तक केवल दो सीएम जनजाति समाज से हुए हैं।