फ्रांस में रोकी गई Dunki Flight के परत-दर-परत 'रहस्य' खुले, पुलिस ने जोड़ीं सारी कड़ियां
Dunki Flight France CID Gujarat Investigation: फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास पिछले दिनों एक विमान को रोक दिया गया था। दरअसल, दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जाने वाली फ्लाइट के जरिए मानव तस्करी होने का संदेह था। इसके बाद उसे पेरिस से लगभग 150 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित वैट्री एयरपोर्ट पर रोक दिया गया।
इस विमान में मौजूद दो नाबालिगों सहित 25 लोगों ने फ्रांस में ही शरण लेने की इच्छा जताई थी। इसलिए वे फ्रांस रुक गए। जबकि बाकी 276 लोग 26 दिसंबर को मुंबई वापस लौट आए। चार दिन तक फ्रांस में रुकी गई इस ‘डंकी फ्लाइट’ के बारे में अब तक रहस्य बना हुआ था, लेकिन अब गुजरात पुलिस इस मामले की परत-दर-परत कड़ियां खोल रही है।
दुबई से ऑन अराइवल वीजा पर निकारागुआ जाते
बुधवार को सीआईडी क्राइम के डीएसपी अश्विन पटेल ने इस मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने इस फ्लाइट के बारे में पूरी जानकारी देते हुए कहा- हमें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (FRRO) मुंबई इमिग्रेशन से कुल 66 यात्रियों की लिस्ट मिली थी।
हमने लिस्ट में शामिल लोगों की जांच की और पासपोर्ट नंबर से एड्रेस निकाला। इसके बाद सभी लोगों का इंटेरोगेशन कर उनका स्टेटमेंट लिया गया। स्टेटमेंट के जरिए हमें पता चला कि ये लोग भारत से टूरिस्ट वीजा पर पहले दुबई जाते थे। इसके बाद दुबई से ऑन अराइवल वीजा पर निकारागुआ जाते। वहां से ये लोग रोड के जरिए मैक्सिको और फिर वहां से अमेरिका के बॉर्डर में एंट्री लेते थे।
अश्विन पटेल का कहना है कि गुजरात के जो लोग वहां जाते थे, उन्हें एजेंट्स की ओर से 60 से 80 लाख के पैकेज का ऑफर दिया जाता था। इंटेरोगेशन में 10-12 एजेंट्स के नाम भी सामने आए हैं। साथ ही ये भी पता चला है कि एजेंट्स लोगों के वहां पहुंचने पर पैसे ले लेते थे। इन 66 लोगों में से मेहसाणा, गांधीनगर और अहदाबाद के व्यक्ति शामिल हैं।
निकारागुआ के जरिए अमेरिका में एंट्री लेना आसान
बता दें कि सेंट्रल अमेरिका की निकारागुआ कंट्री के जरिए अमेरिका में एंट्री लेना आसान हो जाता है। पिछले साल लगभग एक लाख भारतीयों ने इसके जरिए अवैध रूप से घुसने की कोशिश की थी। इस फ्लाइट को अवैध रूप से किसी देश में घुसने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द डंकी फ्लाइट से जोड़ा जा रहा है।
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(Xanax)