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Eid-Ul-Fitr 2024: दुआओं के लिए उठे हाथ, गले लगकर कहा ईद मुबारक; आज देश में मनाया जा रहा त्योहार

Eid Ul Fitr 2024 Celebration: आज देश में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है। लोगों ने सुबह मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ी। मिठाइयां बांटकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। सुबह होते ही लोग मस्जिदों में जुटे। मुस्लिम समुदाय का यह त्योहार खुशियों और भाईचारे का प्रतीक है।
07:01 AM Apr 11, 2024 IST | Khushbu Goyal
Jama Masjid Delhi Eid Celebration
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Eid Ul Fitr 2024 Celebration Updates: देशभर में आज ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है। बीती रात लोगों ने शव्वाल का चांद देखा और आज सुबह मस्जिदों में नमाज पढ़ी गई। आज सुबह करीब साढ़े 6 बजे मस्जिदों में मुस्लिम समाज के लोगों इकट्ठा हुए और ईद की नमाज पढ़ी। एक दूसरे को गले लगकर त्योहार की बधाई दी गई। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के हाथ दुआओं के लिए उठे और एक दूसरे को ईद मुबारक कहा। जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने देश को ईद की बधाई दी।

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हालांकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शव्वाल का चांद परसो ही नजर आ गया था, इसलिए इन दोनों राज्यों में बीते दिन ईद का त्योहार मनाया गया। केरल में भी कल ही ईद मनाई जा चुकी, क्योंकि वहां सऊदी अरब के अनुसार ईद मनाई जाती है। बाकी देश में बीती रात चांद नजर आया, इसलिए आज ईद का जश्न मनाया जा रहा है। मुस्लिम समाज के लोग नए कपड़े पहनकर मिठाई हाथ में लेकर नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंचे। जिसे जहां जगह मिली, वहीं चादर बिछाकर नमाज पढ़ी। दूसरे धर्मों के लोगों ने भी उन्हें ईद की बधाइयां दी।

 

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शव्वाल का चांद दिखने के अगले दिन मनाते ईद

मान्यताओं के अनुसार, ईद-उल-फितर के त्योहार से पहले मुस्लिम समाज के लोग एक महीना रोजे रखते हैं। इसके बाद जिस दिन शव्वाल का चांद नजर आ जाता है, उसके अगले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। जिस महीने में लोग रोजे रखते हैं, उसे रमजान का पाक महीना कहा जाता है। आमतौर पर आखिरी रोजे के दिन शव्वाल का चांद नजर आ जाता है। हिजरी कैलेंडर के अनुसार ईद की तारीख हर साल बदल जाती है, क्योंकि यह कैलेंडर चांद की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार मान्य होता है। वहीं ईद के दिन लोग सुबह नमाज पढ़कर खुदा की इबादत करते हैं। मिठाइयां बांटते हैं और त्योहार की बधाई देते हैं। यह त्योहार भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन सेवइयां, खीर आदि मीठे पकवान बनाए जाते हैं।

 

क्यों मनाई जाती ईद?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मान्यता है कि पैगंबर नबी मोहम्मद ने जंग-ए-बद्र जीती थी। इस जीत की खुशी में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़कर लोगों की सलामती की दुआएं मांगते हैं। मिठाइयां बांटकर जश्न मनाते हैं। पैगंबर नबी इस्लाम के आखिरी पैगंबर थे। कहा जाता है कि पैगंबर ने सिर्फ 300 अनुयायियों के साथ मिलकर यह जंग जीती थी, जबकि उनके सामने दुश्मन की भारी फौज थी। रमजान का महीना चल रहा था और पैंगबर समेत सभी अनुयायियों ने रोजे रखे थे। इसके बावजूद उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए जीत हासिल की।

 

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