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गुड न्यूज! मंगल पर जीवन के संकेत फिर मिले; जानें NASA के पर्सिवियरेंस रोवर ने लाल ग्रह पर क्या देखा?

Mars Planet Life Research Update: लाल ग्रह नासा पर एक बार फिर जीवन के संकेत मिले हैं। नासा के रोवर को ग्रह पर एक और चीज मिली है, जो इस पर जीवन होने का सबूत दे रही है। ग्रह पर रोवर की यह तीसरी रिसर्च है, आइए जानते हैं कि रोवर को ग्रह पर अब क्या मिला है?
08:44 AM Oct 28, 2024 IST | Khushbu Goyal
नासा ने रोवर को धरती पर जीवन की तलाश के लिए भेजा है।
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Evidence of Life Found on Mars: अंतरिक्ष की दुनिया के लाल ग्रह मंगल एक बार फिर जीवन के संकेत मिले हैं। जी हां, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने इस ग्रह पर हरे रंगे के धब्बे देखे हैं। वालेस बट नामक लाल चट्टान पर घिसने वाले उपकरण का इस्तेमाल करने पर यह हरे रंग के धब्बे नजर आए। इनका व्यास 5 सेंटीमीटर है और यह सफेद, काले और एक खास हरे रंग के हैं। पर्सिवियरेंस रोवर ने लाल चट्टानों वाले 'सर्पेन्टाइन रैपिड्स' पर रिसर्च की थी। इस रिसर्च में ही धब्बे नजर आए और रोवर ने इनकी तस्वीरें धरती पर स्पेस एजेंसी नासा को भेजीं।

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ब्राइट एंजल नामक एरियर और तेंदुए के धब्बे तलाशने के बाद रोवर की यह तीसरी खोज है। पहली दोनों खोज करने के बाद रोवर ने नेरेटा वैलिस के पार दक्षिण की ओर यात्रा की और एक जगह पर हरे रंगे के धब्बे देखे। इस जगह को सर्पेन्टाइन रैपिड्स नाम दिया गया है, जहां रोवर को जीवंत लाल चट्टानें मिलीं। उन पर ऐसे हरे धब्बे दिखे, जो धरती पर पुरातन काल में दिखते थे। सूक्ष्मजीवों के सड़ने पर ऐसे धब्बे बनते हैं। जहां पानी लोहे के साथ रगड़ खाता है, वहां भी ऐसे धब्बे देखने को मिलते हैं। अब रोवर जेजेरो क्रेटर की ओर बढ़ रहा है, जिस पर नई चीजें रोवर को मिल सकती हैं।

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जेजेरो क्रेटर में हो सकते पानी के सबूत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी पर हरे रंग के धब्बे जैविक या रासायनिक प्रक्रियाओं की ओर इशारा कर सकते हैं। इसी तरह के धब्बे मंगल ग्रह पर दिखे, जो पानी और रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण ही बने होंगे। रोवर के SHERLOC और PIXL इंस्ट्रूमेंट को इसी तरह की रिसर्च के लिए डिजाइन किया गया था। अब रोवर इन हरे रंग के धब्बों का रिसर्च करेगा, ताकि मंगल ग्रह पर जीवन वास्तव में होने के सबूत मिलें, क्योंकि मंगल ग्रह के रहस्यों को जानने के इच्छुक वैज्ञानिकों में अब इन हरे रंगे के धब्बों ने जिज्ञासा पैदा कर दी है। दूसरी ओर, रोवर अब जेजेरो क्रेटर की खड़ी चोटी पर चढ़ रहा है, ऐसे में वैज्ञानिकों को उत्सुकता से इस बात का इंतजार है कि आगे और क्या आश्चर्यजनक हो सकता है? क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि जेजेरो क्रेटर के अंदर रोवर को पानी होने के सबूत मिल सकते हैं।

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