EVM विवाद पर EC ने तोड़ी चुप्पी, मोबाइल OTP के सवाल पर दिया ये जवाब
Election Commission Press Conference : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता एक बार फिर सवालों के घेरों में आ गई। इसे लेकर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर हमला बोला। ईवीएम विवाद पर चुनाव आयोग ने चुप्पी तोड़ी और मोबाइल ओटीपी के सवाल पर बड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एक समाचार पत्र में ईवीएम को लेकर गलत खबर छापी गई है।
रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट की काउंटिंग पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसको लेकर एक समाचार पत्र में गलत खबर छापी गई है। हम साफ कर देना चाहते हैं कि EVM को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी (OTP) नहीं आता है। EVM में मोबाइल से कुछ नहीं होता है। इलेक्शन कमीशन का एक प्रोसेस होता है।
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काउंटिंग प्रक्रिया से मोबाइल का कोई संबंध नहीं
उन्होंने कहा कि गौरव को जो मोबाइल रखने की इजाजत थी, वो उसका पर्सनल मोबाइल था। उसके पास इलेक्शन कमीशन का मोबाइल था या नहीं, इसके बारे में पुलिस ही बता सकती है। गौरव 158 का डेटा ऑपरेटर था। इस मोबाइल का काउंटिंग प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है। EVM मशीन हैक नहीं हो सकती है।
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अनऑथराइज्ड मोबाइल को लेकर FIR दर्ज
रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने आगे कहा कि जो मोबाइल अंदर था, वो अनऑथराइज्ड था। इसे लेकर एफआईआर दर्ज की गई है, ये अलग विषय है। इसका EVM से कोई संबंध नहीं है। अमोल कीर्तिकर 26वें राउंड में ईवीएम काउंटिंग में 1 वोट से आगे थे। उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर किसी ने भी रीकाउंटिंग की मांग नहीं की थी, जबकि पोस्टल बैलट को रीवेरीफाई करने की मांग की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि इलेक्शन रूल 1991 की धारा 93(1) के तहत चुनाव आयोग सीसीटीवी और चुनाव से जुड़ी चीजें नहीं दे सकता है, क्योंकि ये सीलबंद लिफाफे में हैं। हाईकोर्ट की अनुमति से ही हम ये चीजें दे सकते हैं।