'ये शब्द सरकार के...', जगजीत डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर जताई हैरानी
Farmer Protest Khanauri Border: एमएसपी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर शंभू बाॅर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर हैरानी जताई है। डल्लेवाल ने कहा ये जानकर खुशी हुई कि मेरी सेहत की केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को चिंता है। इसके साथ ही हमें उम्मीद थी कि हमने जो हमारी ओर से पत्र भेजा है, उस पर भी सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा। उस पर ध्यान देने की बजाय सुप्रीम कोर्ट ने हमारे खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
किसान नेता ने आगे कहा मैं हैरान हुआ कि एक तरफ सुप्रीम कोर्ट हमारी सेहत को लेकर चिंतित है और दूसरी ओर सख्ती करने का आदेश दे रही है। ये मैं अपने जीवन में पहली बार देख रहा हूं। मैं हैरान हुआ जब पंजाब सरकार ने कोर्ट से कहा कि वे केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत के लिए आदेश दे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम ऐसी शर्त पर बात नहीं कर सकते। हमें लगा ये शब्द सरकार के हो सकते हैं, कोर्ट के नहीं। हमारी मांगें केंद्र सरकार से है, अच्छा होता सुप्रीम कोर्ट केंद्र को आदेश करता कि हमारी मांगें मानी जाएं।
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कोर्ट ने क्या कहा?
बता दें कि दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने 32 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा डल्लेवाल को दी जा रही मेडिकल मदद जारी रहनी चाहिए। पंजाब सरकार ऐसा नहीं कर रही है, कल सरकार इस पर रिपोर्ट पेश करें।
अदालत पंजाब के चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ कंटेप्ट पिटीशन पर सुनवाई कर रही है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा अगर लाॅ एंड ऑर्डर की स्थिति ठीक नहीं है तो इसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। पंजाब सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा। मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा हम सुनवाई के दौरान कल वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए डल्लेवाल से वीडियो काॅल पर बात करेंगे। उसके बाद ही कोई आदेश देंगे। कोर्ट की पहली प्राथमिकता उनकी जिंदगी है।
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