होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

9855 घंटे और 9300 KM से ज्यादा का सफर; मां की तलाश में था 25 साल पहले बिछड़ा बेटा, Google ने मिलाया

Son Find Missing Mother On Google : एक युवक ने अपनी मां की तलाश में रात-दिन एक कर दी और लास्ट में गूगल ने दोनों को मिला दिया। जब बेटे ने मां के गले लगा तो उसके आंखों से आंसू निकल रहे थे। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?
10:47 PM Jul 17, 2024 IST | Deepak Pandey
गूगल ने मां-बेटे को मिलाया।
Advertisement

Son Find Missing Mother On Google : आपने अक्सर फिल्मों में कुंभ के मेले में दो भाइयों के बिछड़ने की कहानी देखी होगी, लेकिन हकीकत में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। 25 साल पहले परिवार से बिछड़े लड़के ने आखिरकर अपनी मां को ढूंढ निकाला। उसने टेक्नोलॉजी का यूज किया। इसके लिए युवक ने गूगल अर्थ पर 9,855 घंटे बिताए और अपनी मां से मिलने के लिए 6,200 मील यानी 9,300 किलोमीटर से अधिक का सफर किया। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

Advertisement

मध्य प्रदेश में बिछड़ा था परिवार

सरू ब्रियरली नाम के एक युवक ने गूगल को अपने परिवार से बिछड़ने की कहानी बताते हुए कहा कि उनका जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। जब वह पांच साल का था तब पिता ने उसकी मां, बहन और तीन भाइयों को घर से निकाल दिया। उसकी मां मजदूरी करती थी और वह अपने भाई के साथ कोयला चुराने के लिए मालगाड़ी में चढ़ गया, ताकि परिवार के लिए भोजन का इंतजाम हो सके।

यह भी पढ़ें : Google News हुआ डाउन, न्यूज सेक्शन में सर्च करने पर नहीं दिख रहा कोई रिजल्ट, डिस्कवर भी बंद

Advertisement

एमपी से कोलकाता पहुंचा

जब मालगाड़ी चली तो उसका भाई कूद गया, लेकिन वह फंस गया और कोलकाता पहुंच गया। जब वह कोलकाता की सड़कों पर निकाला तो उसके आंखों में आंसू थे। करीब दो साल के बाद उसे एक अनाथालय में रखा गया, जहां ब्रियरली नामक एक ऑस्ट्रेलियाई परिवार ने उसे गोद लिया। नए माता-पिता सू और जॉन ब्रियरली उसे अपने परिवार में पाकर बहुत खुश थे।

ऑस्ट्रेलियाई परिवार ने लिया गोद

सरू ब्रियरली ने गूगल अर्थ का जिक्र करते हुए कहा कि 25 साल बाद उन्हें एक ऐसे टेक्नोलॉजी के बारे में पता चला, जिसकी मदद से उसका बिछड़ा परिवार मिल गया। उन्होंने कहा कि वह हर दिन करीब 3 साल तक शाम 5 बजे से रात 2 बजे तक गूगल की दुनिया में अपने परिवार की तलाश करता था। उसने करीब 9,855 घंटे बिताए।

यह भी पढ़ें : Google में फिर छंटनी…भारत और आयरलैंड में बढ़ेंगे नौकरियों के अवसर

गूगल के जरिए मां को ढूंढ निकाला

उन्होंने कहा कि एक दिन उसे एक स्टेशन, पानी का टॉवर, ओवरपास और एक रिंग रोड मिला, जहां वह 25 साल पहले सोया था। सालों के प्रयास के बाद सरू फरवरी 2012 में मध्य प्रदेश के खंडवा में आया, जहां उनकी मां एक छोटे से घर में रहती थीं। उन्होंने कहा कि जब उसने जन्म देने वाली मां फातिमा को गले लगाया तो उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।

Open in App
Advertisement
Tags :
google newsMadhya Pradesh News
Advertisement
Advertisement