Explainer : फ्लाइट में मारपीट करने वालों से कैसे निपटती हैं एयरलाइंस? क्या कहता है नियम?
How Airlines Can Control To Unruly Passengers: इंडिगो एयरलाइन (IndiGo Airline) की एक फ्लाइट के दौरान पायलट पर हमला होने का मामला सामने आया है। एक यात्री ने पायलट को थप्पड़ मार दिया। इस मामले की नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कड़ी निंदा की थी। उन्होंने यात्री के इस व्यवहार को अस्वीकार्य बताया और कहा कि यात्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में यह सवाल मन में आता है कि एयरलाइन ऐसे यात्रियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकती है। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं...
क्या कहता है केंद्र सरकार का निर्देश?
केंद्र सरकार की तरफ से 2017 में जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर कोई यात्री फ्लाइट में चालक दल के साथ अभद्र व्यवहार करते है तो उसे पहले जागरूक किया जाना चाहिए। यात्री को बताना चाहिए कि उनका व्यवहार कानून का उल्लंघन है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
अनियंत्रित व्यवहार किसे माना जाता है?
फ्लाइट में मादक पदार्थ या नशीली दवाओं का सेवन, धूम्रपान, पायलट के निर्देशों को न मानना, चालक दल के किसी सदस्य या अन्य यात्रियों को धमकी देना, अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना, विमान और उसमें सवार लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालना अनियंत्रित व्यवहार माना जाता है।
यह भी पढ़ें: कौन है IndiGo फ्लाइट में पायलट को थप्पड़ मारने वाला साहिल कटारिया? हनीमून पर जा रहा था गोवा
यात्री के खिलाफ दर्ज हो सकती है एफआईआर
यदि पायलटों और चालक दल को लगता है कि यात्री का व्यवहार ऐसा है, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता तो एयरलाइन का केंद्रीय नियंत्रण पायलट-इन-कमांड के परामर्श से यथाशीघ्र वैकल्पिक एयरपोर्ट की तलाश करेगा, जहां विमान को उतारा जा सके। विमान के लैंड होने के बाद पायलट-इन-कमांड एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों के पास जाकर यात्री के अभद्र व्यवहार को लेकर एफआईआर दर्ज करानी होगी। इसके बाद यात्री को सुरक्षा एजेंसी को सौंप दिया जाएगा।
अनियंत्रित व्यवहार में क्या-क्या आता है?
अनियंत्रित व्यवहार के तीन स्तर होते हैं। पहले स्तर में शारीरिक हावभाव, मौखिक उत्पीड़न और अनियंत्रित नशा शामिल हैं, जबकि दूसरे स्तर में धक्का देना, मारना, पकड़ना और यौन उत्पीड़न शामिल है। वहीं, तीसरे स्तर में विमान संचालन प्रणाली को नुकसान और शारीरिक हिंसा शामिल है।
आंतरिक समिति को यात्री के अभद्र व्यवहार की देनी होती है जानकारी
अगर कोई अभद्र व्यवहार करता है तो एयरलाइन को एक आंतरिक समिति को इसकी जानकारी देनी पड़ती है। यह समिति 10 दिनों के अंदर यह तय करेगी कि यात्री के खिलाफ कार्रवाई हो या नहीं। समिति यह भी तय करेगी यात्री को कितने समय के लिए फ्लाइट में सफर करने से रोका जाए। अगर आंतरिक समिति का निर्णय लंबित रहता है तो एयरलाइन ऐसे उपद्रवी यात्री को फ्लाइट में सफर करने से रोक सकती है। हालांकि, इसकी अवधि 10 दिनों से अधिक नहीं हो सकती।
यह भी पढ़ें: IndiGo पायलट को थप्पड़ मारने की सच्चाई! को-पैसेंजर ने बताया उस दिन प्लेन में क्या हुआ?
आंतरिक समिति का निर्णय मानने के लिए बाध्य है एयरलाइन
आंतरिक समिति का निर्णय संबंधित एयरलाइन पर बाध्यकारी होगा। यदि समिति 10 दिनों के भीतर निर्णय लेने में विफल रहती है तो संबंधित एयरलाइन, समिति की शक्तियों का प्रयोग करते हुए मामले पर निर्णय ले सकती है।
नो फ्लाइ लिस्ट क्या है?
अगर किसी यात्री को नो फ्लाई लिस्ट में डाला जाता है तो उसे तीन महीने से लेकर न्यूनतम दो साल या उससे अधिक समय के लिए हवाई सफर करने से रोके जाने का विकल्प है। इसके साथ ही, अगर किसी यात्री को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है तो उसके सफर करने पर तब तक रोक रहेगा, जब तक उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा 'राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा' माना जाता रहेगा। प्रत्येक अगले अपराध के लिए व्यक्ति को पिछले प्रतिबंध की अवधि से दोगुने के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: देर होने पर भी यात्रियों को फ्लाइट से क्यों नहीं उतारती हैं एयरलाइंस? ये है वजह