Eggs फ्रीज करवाने के बाद चर्चा में आई ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे की CEO करिश्मा मेहता, क्या है यह प्रक्रिया
Karishma Mehta : ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे की 32 वर्षीय संस्थापक करिश्मा मेहता अचानक सुर्खियों में आ गई हैं। दरअसल उन्होंने इस साल जनवरी महीने में अपने अंडाणु (Eggs) फ्रीज करवाने का फैसला लिया और इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। इसके बाद लोग उनसे जुड़ी जानकारी को गूगल पर सर्च कर रहे हैं। 1992 में जन्मी मेहता ने 2014 में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे की स्थापना की थी। बता दें कि अपने करियर को प्राथमिकता देने वाली महिलाओं में एग फ्रीजिंग का क्रेज बढ़ने लगा है। कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भविष्य में मां बनने की चाह में अपने एग फ्रीज करा चुकी हैं।
सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने बताया कि इस बारे में वो काफी समय से सोच रही थीं और आखिरकार उन्होंने यह कर लिया। उन्होंने लिखा, "मैं इसे कुछ समय से करना चाहती थी और अंततः इस महीने की शुरुआत में मैंने अपने अंडाणु फ्रीज करवा लिए।"
उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "जनवरी में मैंने अपने अंडाणु फ्रीज करवा लिए और यह मेरे लिए एक खास उपलब्धि है।" पोस्ट के साथ उन्होंने तस्वीर भी शेयर की है। अपने पोस्ट में, मेहता ने अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन की कुछ महत्वपूर्ण झलकियां शेयर की। उन्होंने अभिनेता अभय देओल के साथ अपनी पहली विज्ञापन शूट की एक तस्वीर भी साझा की।
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कौन हैं करिश्मा मेहता?
करिश्मा मेहता एक भारतीय लेखिका, उद्यमी और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं। करिश्मा मेहता ह्यूमन ऑफ बॉम्बे की सीईओ हैं। Human of Bombay सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबसे पॉपुलर पेजों में से एक है, जो आम लोगों की कहानियों को साझा करता है और उनके संघर्ष, सफलता और जीवन के अनसुने पहलुओं को सामने लाता है।
21 साल की उम्र में शुरू की थी ह्यूमन ऑफ बॉम्बे की शुरुआत
करिश्मा मेहता ने 2014 में ह्यूमन ऑफ बॉम्बे की शुरुआत की थी। वो उस वक्त सिर्फ 21 साल की थी। उन्होंने अपने पेज के जरिए मुंबई और मुंबईकरों की जिंदगी से जुड़ी कहानियों को लिखना शुरू किया। करिश्मा ने बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से पढ़ाई की, बाद में बेंगलुरू के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए वो ब्रिटेन चली गईं, जहां से उन्होंने इकोनॉमिक्स और बिजनेस की डिग्री ली। लेकिन करिश्मा पहली बार चर्चा में तब आई जब उन्होंने साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू लिया। इसके बाद वो सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हो गईं। पीएम मोदी के इंटरव्यू ने उनके करियर को एक नई दिशा दे दी। इस महीने के शुरू में करिश्मा मेहता ने एक और बड़ा कदम उठाया जब उन्होंने अपने लक्जरी लेदर सामानों से खुद को अलग करने का ऐलान किया। शाकाहारी होने के नाते, उन्होंने फैशन में क्रूएल्टी-फ्री रुख अपनाने के अपने फैसले के बारे में समझाया।
क्या है एग फ्रीजिंग ?
UCLA (यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स) हेल्थ के अनुसार, एग फ्रीजिंग, जिसे ओसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन (Oocyte cryopreservation) के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला के अंडों को निकाला जाता है, जमाया जाता है और भविष्य में उपयोग के लिए फ्रीज कर दिया जाता है। इस विधि का उपयोग अक्सर उन महिलाओं के लिए प्रजनन क्षमता को बनाए रखने के लिए किया जाता है जो व्यक्तिगत या चिकित्सा कारणों से बच्चे पैदा करने में देरी करना चाहती हैं।
फ्रीजिंग से पहले ये जांच है जरूरी
एग फ्रीजिंग में ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के बाद एक महिला के अंडाणु की मात्रा की जांच करना शामिल है। फिर, अंडाशय को अंडे का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करने के लिए हार्मोनल दवाओं का उपयोग किया जाता है। फिर परिपक्व अंडों को एक सरल प्रक्रिया के माध्यम से एकत्र कर लिया जाता है और विट्रिफिकेशन नामक तकनीक का उपयोग करके इसे जल्दी से जमाया जाता है। इससे अंडों को भविष्य में उपयोग के लिए रखा जा सकता है।
1968 में हुआ था पहला बेबी का जन्म
फ्रीज हुए अंडे से पहला बेबी का सफलतापूर्वक जन्म 1986 में हुआ था। इस प्रक्रिया में हाल की हुई प्रगति से अंडाणु के जीवित रहने और जीवित बच्चों के जन्म की सफलता दर में काफी सुधार हुआ है।
अगर आप भी अपने फ्रीज कराने की सोच रही हैं, तो यह इतना आसान नहीं है। इसके लिए अपनी बॉडी को पहले से प्रिपेयर करना बहुत जरूरी है। तो आइए जानते हैं एग फ्रीजिंग से पहले शरीर को किस तरह से तैयार करना पड़ता है और यह क्यों जरूरी है।
एग फ्रीजिंग से पहले बॉडी को ऐसे करें तैयार?
एग फ्रीजिंग एक कठिन फैसला है। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को इस संबंध में लोगों की बातें भी सुननी पड़ती है। जिससे तनाव बढ़ता है और प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए सबसे पहले स्ट्रेस मैनेजमेंट टिप्स अपनाकर खुद को मानसिक रूप से तैयार कर सकते हैं। अंडे की गुणवत्ता बढ़ाने और स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए फर्टिलिटी डाइट लेना जरूरी है। बता दें कि, फर्टिलिटी फ्रेंडली डाइट में एंटीऑक्सीडेंट, हेल्दी फैट और जरूरी पोषक तत्व होते हैं। इस डाइट को फॉलो करने से प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।
इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट मानते हैं कि एग फ्रीजिंग से पहले महिलाओं को अपने रूटीन में फर्टिलिटी सप्लीमेंट भी शामिल करने चाहिए। सप्लीमेंट भी ऐसे हों, जिनमें इनोसिटोल और जरूरी विटामिन व मिनरल शामिल हों। एक्सरसाइज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन एग फ्रीजिंग प्रोसेस के दौरान अपने वर्कआउट में बदलाव करना जरूरी है। दरअसल, हार्मोन स्टीमुलेशन के दौरान ओवरी का आकार इंजेक्शन के 10 दिन बाद बढ़ जाता है, जिससे ओवेरियन टॉर्जन की समस्या हो सकती है। इस रिस्क को कम करने के लिए इंटेंस एक्सरसाइज से बचने की सलाह दी जाती है। महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। यह न केवल अंडे की गुणवत्ता में सुधार करता है, बल्कि इससे बेहतर फर्टिलिटी रिजल्ट्स मिलते हैं।
एग फ्रीजिंग के बारे किसे विचार करना चाहिए?
एग फ्रीजिंग उन महिलाओं के लिए एक विकल्प हो सकता है जो प्रजनन संबंधी जोखिमों का सामना कर रही हैं।
- वैसी महिलाएं जो कैंसर के उपचार के तहत कीमोथेरेपी या पेल्विक रेडिएशन का सामना कर रही है।
- ऐसी सर्जिकल प्रक्रियाए जो अंडाशय को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- आनुवंशिक स्थितियां या समय से पहले पीरियड आने का पारिवारिक इतिहास।
- बच्चे पैदा करने में देरी करने के सामाजिक या व्यक्तिगत कारण।
- अंडाणु को कई सालों तक फ्रीज करके रखे जा सकते हैं