50 की स्पीड से हवाएं, 110 की स्पीड से चक्रवाती तूफान, लेकिन गलत हुई भविष्यवाणी! 30 दिन में कितने बरसे बादल?
Monsoon Rain 30 Days Report Card: 50 से 60 की स्पीड से हवाएं चलीं। रेमल चक्रवात में पश्चिम बंगाल में तबाही मचाई। असम में भारी बारिश से बाढ़ तक आ गई। 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 15 जिलों में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए। नदियों पर बने पुल तक ढह गए, बावजूद इसके मानसून के आने और मानूसन में बारिश को लेकर भारतीय मौसम विभाग द्वारा की गई भविष्यवाणी गलत साबित हो गई कि इस बार 100 प्रतिशत से ज्यादा बारिश होगी।
मानसून ने लोगों और किसानों की उम्मीदें तोड़ दीं, क्योंकि मानसून ने दक्षिण पश्चिम और पूर्वोत्तर राज्यों में समय से पहले एंट्री की, लेकिन नॉर्थ इंडिया को अभी तक मानसून का इंतजार करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी की चपेट में आने से आए दिन लोग दम तोड़ रहे हैं। किसानों की फसलें सूखी पड़ी हैं। राजधानी समेत कई शहरों का तापमान 45 से 50 के बीच चल रहा है। बावजूद इसके एक महीने में मानसून की बारिश के जो आंकड़े दर्ज हुए हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं।
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18 जून तक 18 प्रतिशत कम बरसा मानसून
भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मानसून ने 19 मई को अंडमान निकोबाद और 30 मई को केरल में दस्तक दे दी थी, लेकिन 18 जून तक बारिश का रिकॉर्ड देखा जाए तो 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। सिर्फ 64.5 मिलीमीटर पानी गिरा, जबकि 86.7 मिलीमीटर पानी गिर जाना चाहिए था। दक्षिण भारत में जहां 15 प्रतिशत ज्यादा पानी बरसा, लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में 70 प्रतिशत कम बारिश हुई।
उत्तर-पश्चिम भारत में सिर्फ 10.8 मिलीमीटर बादल बरसे, जबकि 36.4 मिलीमीटर पानी बरस जाना चाहिए था। पूर्वोत्तर भारत में 183.5 मिलीमीटर पानी बरसना चाहिए था, लेकिन 168.5 मिलीमीटर पानी बरसा है। दक्षिण भारत में सामान्यत: 98 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 प्रतिशत ज्यादा 112.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
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आगे कैसा रहेगा मानसून?
मौसम विभाग ने ताजा भविष्यवाणी की है कि जून के आखिरी हफ्ते में मानसून फिर स्पीड पकड़ेगा और हीटवेव से राहत मिलेगी। अगले 24 घंटे में बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में प्री-मानूसनी की बारिश होगी। अगले एक हफ्ते में मानसून गुजरात से निकलकर उत्तर भारत में आएगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान पर भी प्री-मानसून की बारिश का असर होगा। जून के आखिर में, जुलाई के पहले हफ्ते में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मानसून की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
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