Advertisement

Independence Day Special: माउंटबेटन को पता होता ये 'सीक्रेट' तो नहीं बनता पाकिस्तान; रोका जा सकता था बंटवारा!

Independence Day Special: 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में लैरी कोलिंस और लैपियरे लिखते हैं कि माउंटबेटन को यह सीक्रेट पता होता तो भारत का इतिहास कुछ और होता। एशिया का इतिहास भी अलग रहता।

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के 1 साल बाद ही जिन्ना की मौत हो गई। फाइल फोटो

Independence Day Special: हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतवासी यही सोचते हैं कि क्या भारत का बंटवारा रोका जा सकता था? क्या ऐसा कोई रास्ता था, जो मानव इतिहास के सबसे बड़े पलायन को रोक सकता था। भारत और पाकिस्तान के बंटवारे में सिर्फ जमीन का बंटवारा नहीं हुआ। तकरीबन 1 करोड़ 20 लाख लोग एक छोर से दूसरे छोर को पलायन किए। इस दौरान खून खराबा हुआ, औरतों का अपहरण, रेप और दंगों की विभीषिका में भारत और पाकिस्तान के इलाके खून से रंग गए। उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक बंटवारे में 20 लाख लोगों की मौत हुई। 80 हजार महिलाओं का अपहरण हुआ। उसके बाद जब दो राष्ट्र बने तो दोनों के बीच चार लड़ाइयां हुईं। इसके बावजूद भी अखंड भारत का सपना देखने वाले सोचते हैं कि काश भारत का बंटवारा न होता।

ये भी पढ़ेंः जिसे चाहिए था अलग देश, मरते वक्त मिली खटारा एंबुलेंस, बंटवारा करने वालों को कैसे-कैसे मिली मौत?

रोका जा सकता था बंटवारा?

अगर लैरी कोलिंस और डोमिनिक लैपियरे की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट का संदर्भ लें तो बंटवारा रोका जा सकता था, और ऐसा तब होता जब भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को वह सीक्रेट पता चल गया होता, जो मुंबई में एक फिजिशियन के पास रखा हुआ था। किताब के मुताबिक लॉर्ड माउंटबेटन कहते हैं कि अगर उन्हें उस सीक्रेट के बारे में पता चल गया होता तो वह भारत के बंटवारे को दूसरे तरीके से हैंडल करते। ये एक्स-रे मोहम्मद अली जिन्ना के थे, जो उनके फिजिशियन डॉ जे. ए. एल पटेल के पास सुरक्षित थे। लेकिन ये बात शायद ही किसी को पता थी।

लैरी कोलिंस और लैपियरे लिखते हैं कि अगर इस एक्स-रे की जानकारी माउंटबेटन को हो जाती तो भारत का तत्कालीन राजनीतिक समीकरण कुछ और होता। यही नहीं यह एक्स-रे एशिया का इतिहास भी बदल देता। दिलचस्प ये है कि तत्कालीन समय में दुनिया की जानी मानी जांच एजेंसी ब्रिटेन की सीआईडी को भी ये नहीं पता था कि मोहम्मद अली जिन्ना ने तत्कालीन बॉम्बे में एक्स-रे कराया है।

ये भी पढ़ेंः 15 अगस्त से पहले ही आजाद हो गया था भारत का ये गांव, अंग्रेजों को ‘कुत्ते’ कहकर भगाया था

जिन्ना को थी गंभीर बीमारी

ये एक्स-रे जिन्ना के फेफड़ों का था। इन एक्स-रे को देखने से पता चलता था कि जिन्ना ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से पीड़ित थे, और बीमारी इतनी गंभीर थी कि जिन्ना का बहुत ज्यादा समय तक जीना संभव नहीं था। बता दें कि लॉर्ड माउंटबेटन और भारत की एकता के बीच पाकिस्तान की मांग को लेकर कोई अडिग था तो वह मोहम्मद अली जिन्ना ही थे। वे पाकिस्तान की मांग पर अड़े हुए थे। अगर ये कहा जाए कि जिन्ना की जिद से ही पाकिस्तान बना तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

जिन्ना की मौत से क्या बदलता

मोहम्मद अली जिन्ना मुस्लिम लीग के प्रेसिडेंट थे और मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग पर अड़े हुए थे। एक्स-रे रिपोर्ट्स को देखा जाए तो जिन्ना की जिंदगी छह सात महीनों से ज्यादा नहीं थी। और ऐसा ही हुआ कि बंटवारे के एक साल बाद ही जिन्ना की ट्यूबरक्लोसिस के चलते 11 सितंबर 1948 को मौत हो गई। जिन्ना की बीमारी को उनके डॉक्टर पटेल ने अपने तक छुपाए रखा था। अगर यह जानकारी सार्वजनिक हो जाती तो इतिहास कुछ और होता।

'किसी को नहीं पता था जिन्ना बीमार हैं'

'फ्रीडम एट मिडनाइट' के मुताबिक लॉर्ड माउंटबेटन कहते हैं कि 'जिन्ना की बीमारी के बारे में सिर्फ वही अनजान नहीं थे, बल्कि किसी को भी पता नहीं था। मुझे खुशी है कि मुझे नहीं पता था, क्योंकि अगर मुझे पता चल जाता तो मैं क्या करता, ये मुझे नहीं पता।'

माउंटबेटन कहते हैं, 'जिन्ना अपनी तरह के आदमी थे। अगर मुझे किसी ने उस समय बताया होता कि अगले कुछ महीने बाद जिन्ना की मौत हो जाएगी। तो अब मैं सोच रहा हूं कि तब मैं क्या करता। हम भारत को अखंड रखते और बंटवारा नहीं होता? क्या मैं स्थिति को थोड़ा पीछे ले जाकर अपना पद बरकरार रख सकता था? जहां तक मुझे लगता है कि जिन्ना को खुद नहीं पता था कि उन्हें टीबी की बीमारी थी।'

'जिन्ना बहुत ही कठोर स्वभाव के और अपनी भावनाओं को दबाकर रखने वाले थे। उनके बारे में मुझे कुछ भी चौंकाता नहीं था। वह एक असाधारण इंसान थे। हालांकि मेरे दिल्ली पहुंचने तक वॉवेल और अन्य लोगों को पता था कि जिन्ना बीमार हैं, लेकिन इस तरह की बातें कभी मेरे पास नहीं पहुंचीं, न मेरी पत्नी को पता थी और न मेरे स्टाफ को। न ही मेरे किसी ब्रिटिश स्टाफ को। अगर मुझसे पहले वाले ब्रिटिश स्टाफ को यह पता भी था, तो उन्होंने मुझे नहीं बताया। इसकी जानकारी न होना भयावह था, अगर मुझे पता होता तो मैंने चीजों को अलग तरीके से हैंडल किया होता।'

Open in App
Tags :