डॉक्टर के बिना भी होगा इलाज, AI करेगा मुमकिन, अब पढ़ाई होगी और भी बेहतर
दिव्या अग्रवाल
India Govt is Announced 3 AI Centers of Excellence: देश विकासशील से विकसित भारत बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत हर एक सेक्टर में मार्डन टेक्नोलॉजी को लागू करने पर ध्यान दे रहा है। यही कारण है कि भारत ने अपनी सालों पुरानी एजुकेशन सिस्टम को भी बदलने पर ध्यान दिया है। इसी सिलसिले में केंद्र सरकार की तरफ से AI के साथ पढ़ाई को मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज दिल्ली में हेल्थ केयर, एग्रीकल्चर और शहरों पर फोकस्ड 3 AI सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की घोषणा की है। इस मौके पर हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट के सेक्रेटरी संजय मुर्थी, जॉइंट सेक्रेटरी सौम्या गुप्ता, आईआईटी दिल्ली, IIT कानपुर, IIT रोपड़ और ऐम्स दिल्ली के डायरेक्टर मौजूद रहे।
'विकसित भारत' का विजन
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 'विकसित भारत' के विजन को साकार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ काम बहुत जरूरी है। इंडस्ट्री पार्टनर्स और स्टार्टअप के साथ मिलकर टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशनल द्वारा AI के 3 CoE का नेतृत्व किया जाएगा। इसका उद्देश्य एक प्रभावी AI इकोसिस्टम तैयार करना है। इसके अलावा अस्पताल में मरीजों की लम्बी कतारे, दवाई और डॉक्टर के लिए घंटो का इंतजार अब आने वाले वक़्त में ना के बराबर हो जाएगा। इससे ना सिर्फ समय बचेगा, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के तहत लोगों को परेशानी मुक्त सुविधा मिलेगी।
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990 करोड़ रुपये हुए मंजूर
भारत में AI बनाएं और उस AI को भारत के लिए काम करने लायक बनाए। इसी विजन के तहत 2023-24 के बजट में इन सेंटर्स की स्थापना की घोषणा की गई थी। इसके अनुरूप सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 की अवधि में 990 करोड़ रुपये के कुल फाइनेंशियल आउटप्ले के साथ 3 AI सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के निर्माण को मंजूरी दी है। इसकी सह-अध्यक्षता जोहो कॉरपोरेशन के संस्थापक और सीईओ डॉ. श्रीधर वेम्बू ने की है।