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भारत की थाली का दुन‍िया में बजा डंका, चीन को पीछे छोड़कर बनाया ये खास र‍िकॉर्ड

Indian Food: हाल ही में एक नई स्टडी सामने आई जिसमें भारत के खाने की थाली को दुनिया की सबसे अच्छी और हरी थाली में शुमार किया गया है। भारत को ये पहला स्थान चीन और इंडोनेशिया को पछाड़कर मिला है।
12:50 PM Oct 11, 2024 IST | Shabnaz
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Indian Food: भारतीय व्यंजन संस्कृति और क्षेत्र के हिसाब से बनते हैं। यहां पर कई धर्म के लोग रहते हैं जो अपनी संस्कृति के हिसाब से खाना बनाते हैं। हमारे देश में कई खास मौकों पर छप्पन भोग बनते हैं। तरह-तरह की भोजन थालियां (वेज) बनाई जाती हैं। एक नए सर्वे में भारत की इसी थाली को दुनिया में सबसे अच्छी थाली का खिताब मिला है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर सब लोग भारत की इन आहार संबंधी आदतों को अपना लें तो पर्यावरण को हो रहे कई नुकसान में कमी आएगी।

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क्या है लिविंग प्लैनेट की रिपोर्ट?

लिविंग प्लैनेट की रिपोर्ट में दुनियाभर के भोजन को शामिल किया गया। जिसमें भारत की थाली को पहला स्थान मिला। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की थाली दुनिया की सबसे 'हरी थाली' है। अगर ज्यादातर देश भारत की आहार संबंधी आदतों को अपना लें तो इससे पर्यावरण को जो भी नुकसान हो रहे हैं उसमें कमी आएगी। इसके साथ ही साल 2050 तक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत जी-20 देशों के बीच टिकाऊ खाद्य उपभोग (Food Consumption) में सबसे आगे है।

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इंडोनेशिया और चीन को मिला कौन सा स्थान?

भारत के बाद फूड रैंकिंग में इंडोनेशिया और चीन का नाम आया। इस दोनों देशों का खाना भी पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और अच्छा आहार पैटर्न माना गया। वहीं, रिपोर्ट संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया को लेकर कहा गया सबसे कम टिकाऊ खाना है और आहार पैटर्न भी कम अच्छा है।

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा वसा और शुगर का इस्तेमाल हो रहा है। ये विश्वव्यापी मोटापे की महामारी को बढ़ावा दे रहा है। आगे कहा गया अभी 2.5 बिलियन (250 करोड़) जवान लोगों को ज्यादा वजन की कैटेगरी में रखा गया है। जिनमें से लगभग 890 मिलियन (89 करोड़) लोग मोटापे के साथ जी रहे हैं।

प्राचीन अनाजों के उपभोग पर जोर देते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ देशों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देना आहार में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आपको बता दें कि भारत में ज्यादातर इन्हीं अनाजों का इस्तेमाल किया जाता है।

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