INS Vikrant: भारतीय नौसेना को मिला नया ध्वज, PM मोदी बोले- भारत ने गुलामी के बोझ को सीने से उतारा
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant नौसेना को सौंप दिया। इस दौरान उन्होंने ध्वज को भी बदल दिया। नया ध्वज छत्रपति शिवाजी से प्रेरित है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज 2 सितंबर 2022 की ऐतिहासिक तारीख को इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी कविता में लिखा था-
नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो।
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो…
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आज इसी ध्वज वंदना के साथ मैं ये नया ध्वज नौसेना के जनक छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे।
पीएम बोले- INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है
पीएम मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज ने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए। INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज विक्रांत को देखकर समंदर की ये लहरें, आह्वान कर रही हैं, अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़-प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ हैं, बढ़े चलो-बढ़े चलो…। आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है। ये हर भारतीय के लिए गौरव का अनमोल अवसर है। ये हर भारतीय का मान, स्वाभिमान बढ़ाने वाला अवसर है। मैं इसके लिए हर भारतीय को बधाई देता हूं।
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पीएम बोले- सबका उत्तर है विक्रांत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत। उन्होंने कहा कि विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
भारतीय नौसेना के नए झंडे में क्या है
नौसेना के नए ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है। ऊपर बाईं ओर तिरंगा है। बगल में नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डर कलर में अशोक चिह्न बना है, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है। इसके नीचे संस्कृत भाषा में ‘शं नो वरुणः’ लिखा गया है।
सबसे पहले 2 अक्टूबर 1934 को नेवल सर्विस रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया था। 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद रॉयल इंडियन नेवी, नौसेना रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी के रूप में बंट गईं। 26 जनवरी 1950 को रॉयल शब्द को इंडियन नेवी से हटा लिया गया।
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आजादी बाद नौसेना के ध्वज में ऊपर के कोने में लगे ब्रिटिश झंडे की जगह तिरंगे को स्थान दिया गया। बता दें कि नौसेना के ध्वज को इससे पहले 2001 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय बदला गया था। इसके बाद 2004 में ध्वज या निशान में फिर से बदलाव किया गया और ध्वज में एक बार फिर रेड जॉर्ज क्रॉस को शामिल कर लिया गया। 2014 में एक और बदलाव कर देवनागरी भाषा में राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया था।
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