फॉर्मूला 1 के लिए फ्यूल बनाएगी इंडियन ऑयल, जानें ये पेट्रोल-डीजल से कितना अलग
Indian Oil Fuel Formula 1: इंडियन ऑयल ने फॉर्मूला-1 कार और बाइक्स के लिए फ्यूल बनाने का ऐलान किया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की ओर से अगले तीन महीनों में फॉर्मूला 1 (F1) कारों के लिए फ्यूल का प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है। इसका प्रोडक्शन ओडिशा की पारादीप रिफाइनरी में किया जाएगा। जिसे एडवांस टेक्नोलॉजी के रूप में जाना जाता है। आईओसीएल के अनुसार, फॉर्मूला वन कारों के लिए इस्तेमाल होने वाले स्पेशल फ्यूल का सर्टिफिकेशन तीन महीने के अंदर किया जाएगा। आइए जानते हैं कि फॉर्मूला-1 कारों का फ्यूल कैसा होता है और ये पेट्रोल-डीजल से कितना अलग है।
F1 कारों में कौनसा फ्यूल इस्तेमाल होता है?
जानकारी के अनुसार, F1 कारों में इस्तेमाल किया जाने वाला फ्यूल कुछ हद तक पेट्रोल की तरह ही होता है। हालांकि यह पेट्रोल-डीजल से अलग होता है। फॉर्मूला-वन की वेबसाइट के अनुसार, F1 वर्तमान में E10 फ्यूल रिन्यूएबल इथेनॉल का उपयोग कर रहा है। इसके साथ ही F1 100% सस्टेनेबल हाइब्रिड फ्यूल विकसित करने के लिए भी काम कर रहा है। इसे प्रमुख फ्यूल निर्माताओं के साथ मिलकर किया जा रहा है। एफ-1 का कहना है कि इसे 2026 में पेश किया जाएगा। दरअसल, करीब 2 साल बाद F1 हाइब्रिड पावर यूनिट लाने की उम्मीद कर रहा है।
क्या होगा फायदा?
इंडियन ऑयल के इस कदम से न केवल मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दूसरी ओर मोटरस्पोर्ट्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इंडियन ऑयल इस सहयोग से एशिया रोड रेसिंग चैंपियनशिप राउंड में एफआईएम कैटेगरी 2 रेस फ्यूल को उपलब्ध करवा सकेगी। इसे 'स्टॉर्म-अल्टीमेट रेसिंग फ्यूल' कहा जाता है। जिसका उत्पादन अभी इंडियन ऑयल की गुजरात रिफाइनरी में किया जाता है। 'स्टॉर्म अल्टीमेट रेसिंग फ्यूल' इंजन के पार्ट्स की सफाई, फ्यूल डिलिवरी सिस्टम और व्हीकल के मैटेलिक पार्ट्स को सुरक्षा प्रदान करता है। 'स्टॉर्म फ्यूल' रेगुलर कमर्शियल फ्यूल से थोड़ा अलग है। यह प्रीमियम गैसोलीन या पेट्रोल (95-ऑक्टेन XP95 और 100-ऑक्टेन XP100) से डेंसिटी, डिस्टिलेशन, वेपर प्रैशर और ओलेफिन में अलग है।
ये भी पढ़ें: CNG Rate Reduced: सस्ती हुई सीएनजी, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली-NCR में गिरे दाम