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यात्रीगण कृपया ध्यान दें! वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पर अपडेट, जानें लॉचिंग डेट, किराया और खासियतें

Vande Bharat sleeper: समर हॉलीडे को लेकर रेलवे ने भीड़ को देखते हुए अप्रैल, मई और जून तक लगभग स्पेशल ट्रेनें चली हैं। वहीं, वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लेकर बड़ा अपडेट रेलवे ने दिया है। रेलवे सूत्रों ने नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की विशेषताओं के बारे में बताया है, यहां जानें।
10:02 AM Jun 16, 2024 IST | Deepti Sharma
Image Credit: Freepik
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Vande Bharat Sleeper Train: गर्मियों की छु्ट्टियों से लेकर फंक्शन के इस महीने में लोगों को सबसे ज्यादा कहीं आने-जाने के लिए ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए वेटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ा अपडेट आया है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, स्लीपर वंदे भारत ट्रेन कंस्ट्रक्शन पूरा हो गया है। फिलहाल, वंदे भारत ट्रेन स्लीपर कोच में फ्नीशिंग वर्क चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, 100 दिनों के अंदर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाई जाएंगी।

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इसके तहत वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अगस्त में चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) से बनकर बाहर आ जाएंगी। जबकि 5 से 6 माह तक ट्रॉयल के बाद यात्री वंदे भारत में सफर कर सकेंगे। सरकार का इसबार फोकस है कि साल 2029 तक 300 से ज्यादा वंदे भारत स्लीपर व सीटिंग ट्रेनें जल्द दौड़ने लगेंगी। वहीं, आम लोगों के लिए चलने वाली 400 से ज्यादा अमृत भारत ट्रेनों का भी प्रोडक्शन किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की पहली स्टेज में 130 Kilometer प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इसके बाद स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस से सेमी हाई स्पीड 160-220 Kilometer प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाई जाएंगी। देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिसंबर या जनवरी में दिल्ली-कोलकाता के अलावा दिल्ली-मुंबई में से किसी एक रेलमार्ग पर चलाने का चांस है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे और जिसमें 10 कोच AC-3, 4 कोच AC-2 व 1 कोच AC-1 का होगा। जबकि इसमें 2 कोच एसएलआर के होंगे।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का चार्ज अभी फिक्स नहीं

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का चार्ज फिलहाल तय नहीं है। हालांकि, इसकी स्पीड, फैसिलिटी, सेफ्टी सबकुछ देखते हुए राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस से 10-15% ज्यादा किराया होने की उम्मीद हो सकती है। सरकार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को राजधानी ट्रेनों और वंदे भारत सीटिंग ट्रेनों को शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों की बदली चलाने का प्लान कर रही है। क्योंकि सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन (Self-Propelled Engines) तकनीक की हेल्प से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का एक्सेलरेशन-डीएक्सेलरेशन तेज होता है। जबकि राजधानी एक्सप्रेस में इंजन ट्रेन को खींचता और ब्रेक लगाता है। एसपीई तकनीक से लैस वंदे भारत ट्रेन की एवरेज स्पीड बेहतर होने की उम्मीद है। इससे ट्रेन डेस्टिनेशन तक समय से 3 घंटे पहले ही पहुंचेगी।

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जल्द शुरू होगा ट्रॉयल 

रेल मंत्री बनने के बाद अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आने वाले 2 महीने में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का ट्रॉयल शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल के आखिर तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। पहले 2 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें शुरू होंगी। अमृत भारत ट्रेनों का प्रोडक्शन भी तेजी से किया जा रहा है। टक्कररोधी तकनीक कवच (Anti Collision Technology Armor) 6000 Kilometer तक लगाया जा चुका है। इस महीने के आखिर तक 10,000 Kilometer रेलवे ट्रैक पर शिल्ड लगाने का टेंडर जारी किया जाएगा। इसे पहली स्टेज में देश के मेट्रो शहरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई,चैन्नई आदि शहरों के बीच वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।

नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए

गर्मी की छुट्टियों में भीड़-भाड़ को देखते हुए अप्रैल, मई व जून तक लगभग 20,000 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। इसी में  4 करोड़ रेल यात्रियों ने सफर किया। वहीं, रेगुलर ट्रेनों में 20,000 से ज्यादा कोच लगाकर 4 लाख यात्रियों को डेस्टिनेशन तक पहुंचाया गया। रेल मंत्री ने बताया कि पिछले 10 साल में 35 हजार किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं और वर्तमान में 14.5 किलोमीटर डेली ट्रैक बिछाए जा रहे हैं।

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