रेलवे का 'कवच' कैसे रोकेगा हादसे? 7 पॉइंट्स में समझें; रेल मंत्री ने गिनाई खासियतें
Indian Train Kavach System Latest News Update: देश में ट्रेन हादसों की खबर आए दिन सामने आती है। इन्हें रोकने के लिए रेलवे ने कवच सिस्टम शुरू किया है। मंगलवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम यानी कवच का ट्रायल लिया है। कवच के 7 फेज का ट्रायल सफल साबित हुआ है। राजस्थान के सवाई माधोपुर से लेकर इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच यह ट्रायल लिया गया है। रेल मंत्री ने कवच के 7 टेस्ट की जानकारी साझा की है। तो आइए जानते हैं कि आपातकाल परिस्थितियों में कवच कैसे ट्रेनों की भिड़ंत को रोकने में कामयाब साबित हो सकता है?
रेल मंत्री ने दिया बयान
अश्विनी वैष्णव का कहना है कि पहले फेज में 10,000 लोकोमोटिव और 9000 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम को लगाया जाएगा। वहीं दिसंबर 2030 तक कवच सिस्टम को पूरी रेलवे में लागू कर दिया जाएगा। तो आइए जानते हैं कि कवच के सात टेस्ट कैसे हुए हैं?
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1. अगर ट्रेन के रूट पर लाल सिग्नल है, तो कवच के कारण ट्रेन में 50 मीटर पहले ही ऑटोमैटिक ब्रेक लग जाएगा। अगर ड्राइवर रेड सिग्नल पर ध्यान नहीं भी देगा, तो कवच के कारण ट्रेन खुद खड़ी हो जाएगी।
2. कवच सिस्टम ट्रेन की स्पीड को भी कंट्रोल करेगा। अगर ट्रेन की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा है, तो खतरा महसूस होने पर ट्रेन की स्पीड धीमी हो जाएगी।
3. अगर ट्रेन लूप लाइन से गुजर रही है, तो कवच के कारण ट्रेन की स्पीड घट कर 30 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी। इससे ट्रेन के पटरी से उतरने या टकराने की संभावना कम हो जाएगी।
4. कवच सिस्टम स्टेशन मास्टर के ऑर्डर पर भी काम करेगा। अगर कोई स्टेशन मास्टर ट्रेन को रेड फ्लैग दिखाता है, तो कवच के कारण फौरन ट्रेन में ब्रेक जाएगा।
5. कई बार रेलवे क्रॉसिंग से गुजरते हुए ड्राइवर हॉर्न बजाना भूल जाता है। मगर कवच इंस्टॉल होने पर ट्रेन में खुद-ब-खुद हॉर्न बजने लगेगा। इससे रेलवे क्रॉसिंग के आसपास मौजूद लोग और जानवर भी सावधान रहेंगे और ट्रैक से फौरन हट जाएंगे।
6. कवच सिस्टम लागू होने के बाद लोको कैब में अगले सिग्नल की जानकारी मिल जाएगी। ड्राइवर ट्रेन का अगला सिग्नल देखकर ब्रेक लगाने की तैयारी कर सकता है और ट्रेन की स्पीड को भी उसी तरह से मैनेज कर सकता है।
7. अगर ट्रेन को रेड सिग्नल मिला है, तो कवच सिस्टम ड्राइवर को ट्रेन क्रॉस करने से रोक सकता है। अगर ड्राइवर जानबूझ कर रेड सिग्नल पर ट्रेन ले जाता है, तो ट्रेन खुद रुक जाएगी। इससे बड़ा हादसा टाला जा सकता है।
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