ट्रेन में सफर के दौरान परांठे में निकला था प्लास्टिक का तार, अब देने होंगे 10 लाख रुपये

आईआरसीटीसी ने इस पूरे मामले में संबंधित कैटरर की बेस किचन की जांच करने और उस पर रेलवे अधिकारियों को एक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।

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Plastic in parantha: आए दिन सोशल मीडिया पर ट्रेन में परोसे जा रहे खाने में कीड़े या उसके बासी होने की शिकायत वायरल होती हैं। एक ऐसे ही मामले में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने एक कैटरर पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल, ये मामला देहरादून शताब्दी ट्रेन का है। ट्रेन में एक यात्री के परांठे में प्लास्टिक का तार मिला था। इसकी शिकायत यात्री ने सोशल मीडिया पर रेलवे अधिकारियों को की थी।

आईआरसीटीसी के अनुसार मामले की जांच के बाद देहरादून शताब्दी ट्रेन के कैटरर पर जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा जांच में ट्रेन में हैंड सेनेटाइजर के नहीं होने और हाथ पोंछने वाले टिश्यू नहीं होने की बात भी सामने आई है, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को इसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले की जांच जारी है।

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बेस किचन के जांच के हुए आदेश

आईआरसीटीसी ने इस पूरे मामले में संबंधित कैटरर की बेस किचन की जांच करने और उस पर रेलवे अधिकारियों को एक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं। जांच रिपोर्ट में किचन में किन ब्रांड का सामान यूज किया जाता है? क्या रसोई में पर्याप्त सामान है? इसकी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

शिकायत मिलने के बाद बदल दिया गया था परांठा

बता दें देहरादून शताब्दी ट्रेन में परांठा कई लोगों को परोसा गया था। जिन यात्री के परांठे में प्लास्टिक का तार निकला था हालांकि उस समय ट्रेन में मौजूद कर्मचारी ने उससे माफी मांगी और परांठे को बदल दिया था। बता दें इससे पहले भी आईआरसीटीसी सेवा में चूक करने वाले कैटरर और अन्य ठेकेदारों पर कार्रवाई कर चुकी है।

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