ISRO के लिए कितना जरूरी है स्पैडेक्स मिशन, डॉकिंग क्यों स्थगित की? सामने आई ये वजह
ISRO SPADEX Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने स्पैडेक्स मिशन कार्यक्रम की डॉकिंग को टाल दिया है। डॉकिंग के लिए पहले 7 जनवरी की तारीख निर्धारित की गई थी। लेकिन इसरो ने अब डॉकिंग के लिए 9 जनवरी की तारीख निर्धारित की है। इसरो ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस बाबत घोषणा की है। इसरो ने लिखा है कि डॉकिंग प्रक्रिया को लेकर अभी और काम करने की जरूरत है। 30 दिसंबर को (इसरो) ने स्पैडेक्स और अभिनव पेलोड के साथ PSLV-C60 को लॉन्च करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी।
यह भी पढ़ें:बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई क्राइम ब्रांच ने 26 आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट
SpaDeX मिशन को PSLV के दो छोटे अंतरिक्ष यानों के जरिए लॉन्च किया जाना है। SpaDeX मिशन SDX01 चेजर और SDX02 यान के जरिए अंतरिक्ष में लॉन्च होगा। मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की वृत्ताकार (Circular) कक्षा में डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक को विकसित कर उसका प्रदर्शन करना है। 9 जनवरी को अगर भारत का प्रयोग सफल रहा तो वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। फिलहाल ऐसा प्रयोग यूएस, रूस और चीन ही कर सके हैं।
इसरो ने डॉकिंग को टालने के पीछे खेद भी व्यक्त किया है। इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। PSLV C60 रॉकेट ने SDX01, SDX02 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से उड़ान भरी थी। 15 मिनट बाद 220KG वजनी दोनों यान पृथ्वी की 475KM की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित हो गए थे।
कई अभियानों में भारत को मिलेगी मदद
इसरो का मिशन कामयाब रहा तो भारत को कई अभियानों में मदद मिलेगी। भारत जल्द अपना चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करने वाला है। जिसके लिए चांद से मिट्टी के सैंपल लाए जाने की तैयारी चल रही है। अगर यह मिशन सफल रहा तो फिर चांद से मिट्टी लाने का काम आसान हो जाएगा। भारत जल्द अपना नया स्टेशन अंतरिक्ष में लॉन्च करने वाला है।
यह भी पढ़ें- BJP के 20 मंत्रियों की क्लास लेंगे RSS के दिग्गज नेता, लिस्ट में CM फडणवीस का नाम भी शामिल
इसके लिए भी उसके पास डॉकिंग तकनीक होना जरूरी है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने हाल ही में दावा किया था कि इस मिशन का नाम भारतीय डॉकिंग टेक्नोलॉजी रखा गया है। यह मिशन पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन से कहीं न कहीं मेल खाता है। पूरा मिशन स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।