जैन मुनि Acharya Lokesh कौन, जिन्होंने 'अल्लाह-ईश्वर एक हैं' सुनकर छोड़ दिया था मंच, Joe Biden भी मुरीद
Jain Muni Acharya Lokesh Global Jain Peace Ambassador: अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन मुनि आचार्य लोकेश को आज 'वैश्विक जैन शांति राजदूत' के रूप में सम्मानित किया जाएगा। समारोह कर्नाटक के हुबली वरूर में होगा, जिसका आयोजन जैन तीर्थ केंद्र, नवग्रह तीर्थ क्षेत्र द्वारा किया जा रहा है। देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर जैन मुनि को सम्मानित करेंगे।
समारोह में दिगंबर जैन और AGM ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक आचार्य गुणधरनंदीजी भी मौजूद रहेंगे। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कुलपति एस विद्याशंकर भी समारोह में शामिल होंगे। इसी कार्यक्रम में पद्मावती माता शक्तिपीठ की आधारशिला भी रखी जाएगी।
मौलाना मदनी को दिया था करारा जवाब
जैन मुनि आचार्य लोकेश को विश्व स्तर पर शांति, अहिंसा और सद्भाव को बढ़ावा देने, इंटरनेशनल लेवल पर जैन धर्म का गौरव बढ़ाने, भारतीय संस्कृतियों और आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए सम्मानित किया जा रहा है।
बता दें कि आचार्य लोकेश वहीं हैं, जिन्होंने 'अल्लाह-ईश्वर एक हैं' सुनकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दिल्ली अधिवेशन का मंच छोड़ दिया था। वे उनका बयान सुनकर काफी भड़क गए थे। उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना सैयद अरशद मदनी को नाराजगी भी जताई थी।
मौलाना मदनी ने कहा था कि ओम (ऊँ) और अल्लाह एक हैं। बस पुकारने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द भाषाओं के अनुसार अलग-अलग हैं। यह सुनकर आचार्य लोकेश मुनि भड़क गए थे।
धर्मगुरु, लेखक, विचारक और समाज सुधारक
आचार्य लोकेश ने मंच छोड़ने से पहले मदनी को कहा था कि हम सभी धर्मों के लोगों के मिल कर रहने के सिद्धांत से सहमत हैं, लेकिन अपने अल्लाह-ईश्वर को एक बताया, इससे सहमत नहीं हैं। हम अपने धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। आचार्य लोकेश जैन धर्म के लोकप्रिय संत हैं और धर्मगुरु, कवि, लेखक, विचारक और समाज सुधारक भी हैं। वे अपने विचारों को लेकर अकसर सुर्खियों में रहते हैं।
वे देश की बढ़ती जनसंख्या के लिए मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की भी मांग की है। वे अकसर अपने संबोधनों में जनसंख्या नियंत्रण करने की बात कहते हैं। वे पिछले 30 से ज्यादा सालों से राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों के विकास, अहिंसा, शांति, आपसी सहयोग एवं भाईचारा बनाए रखने का संदेश प्रचारित प्रसारित करने के लिए प्रयासरत हैं।
कन्या भ्रूण हत्या के मुद़दे पर लिखी किताब
आचार्य लोकेश मुनि सामाजिक सुधार करने के अपने प्रयासों के तहत 20 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा करके देशभ्रमण कर चुके हैं। साल 2007 में अकाल तख्त और डेरा सच्चा सौदा के बीच हुए विवाद को सुलझाने में उन्होंने प्रतिनिधि मंडल का मुखिया बनकर अहम भूमिका निभाई थी। 2010 में उस समय के उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें नेशनल कम्युनल हार्मनी अवॉर्ड देकर सम्मानित किया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden भी उनके मुरीद हैं। बाइडेन ने साल 2022 में उनसे लॉस एंजिलिस में मुलाकात की थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी उनसे काफी प्रभावित हैं। आचार्य लोकेश ने 2007 में अमेरिका ट्रिप के समय सीनेट में अहिंसा और शांति शिक्षा पर लेक्चर दिया था। 2008 में कैलिफोर्निया के सदन को संबोधित किया था।
आचार्य जन्म 17 अप्रैल 1961 को हुआ था। उन्होंने जैन, वैदिक समेत कई धर्मों को पढ़ा है। संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती समेत कई भाषाएं उन्हें आती हैं। इंडियन बोर्ड ऑफ अल्टर्नेटिव मेडिसिन ने उन्हें मानद उपाधि प्रदान की थी। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या पर 'द अनबॉर्न कर्स' नामक किताब भी लिखी थी।