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ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 क्या? आतंकियों के खात्मे की 20 साल पुरानी कहानी

Operation Serp Vinash 2.0: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से घाटी में आतंकवादी घटनाएं बढ़ने लगी हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर में सेना कुछ बड़ा करने की प्लानिंग कर रही है। इसे ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 नाम दिया गया है।
12:20 PM Aug 05, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Jammu Kashmir Article 370 Abrogation 5th Anniversary: आज का दिन ना सिर्फ जम्मू कश्मीर बल्कि समूचे देश के लिए ऐतिहासिक है। पांच साल पहले आज के ही दिन भारत सरकार ने आर्टिकल 370 को खत्म किया था। आंकड़ों की मानें तो पिछले पांच साल में आतंकी गतिविधियों में कमी दर्ज की गई है। हालांकि पिछले 2 महीने में रियासी, कठुआ, डोडा, कुपवाड़ा और कुलगाम में हुए आतंकी हमले घाटी में फिर से सिर उठा रहे खतरे की तरफ इशारा कर रहे हैं।

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600 SSG कमांडो की एंट्री

बीते दिन खबरें सामने आईं कि पाकिस्तानी सेना के एक दो नहीं बल्कि 600 SSG कमांडो अवैध तरीके से भारत में भेजे गए हैं, जो इन आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इनके खात्मे के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 शुरू किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार ये ऑपरेशन पीर पंजाल रेंज और कारगिल इलाके में चलाया जाएगा। इस दौरान भारतीय सेना घाटी में छिपे आतंकियों को ढूंढ कर मौत के घाट उतारेगी।

नए ऑपरेशन की तैयारी

बेशक सेना का ये ऑपरेशन बिल्कुल आसान नहीं होगा। मगर ये पहली बार नहीं है जब सेना इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने का खाका तैयार कर रही है। इससे पहले भी सेना ऑपरेशन सर्प विनाश के तहत कई आतंकियों का खात्मा कर चुकी है। 20 साल पहले भी कश्मीर में घात लगाकर बैठे आतंकियों को सेना के जवानो ने धूल चटा दी थी।

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पीर पंजाल रेंज की कहानी

इस कहानी की शुरुआत 2002 में हुई थी। जम्मू कश्मीर की पीर पंजाल रेंज को सबसे मुश्किल इलाकों में गिना जाता है। दक्षिण और दक्षिण पूर्वी ढलानों पर ये घने जंगलों से घिरा है। तो इसके पश्चिम में रिजलाइन और दक्षिण में सुरन नदी बहती है। पीर पंजाल रेंज पर अनगिनत चोटियां, बर्फ से ढके पहाड़ और ऊबड़-खाबड़ रास्ते मौजूद हैं। जम्मू कश्मीर में रहने वाले गुज्जर बकरवाल समुदाय के लोग गर्मियों में पीर पंजाल रेंज पर मवेशी चराने जाते हैं। कई महीनों तक वो यहां डेरा डालते हैं और अक्टूबर में ठंड पड़ते ही वो पीर पंजाल रेंज से नीचे चले आते हैं। हालांकि उनके घर यहीं रहते हैं।

आतंकियों की घुसपैठ

2002-03 में कड़ाके की सर्दियों के बाद जब गर्मिया दस्तक देने लगी तो आतंकियों ने इन्हीं घरों में अपना डेरा जमा लिया। अप्रैल के बाद बर्फ छटी तो गुज्जर बकरवाल फिर अपने मवेशियों के साथ यहां पहुंचे। आतंकी सभी के साथ इतना घुल-मिल गए कि उनके बच्चों के साथ क्रिकेट तक खेलने लगे। पीर पंजाल रेंज में आतंकी बिल्कुल बेफिक्र थे क्योंकि उनकी मौजूदगी की खबर किसी को नहीं थी।

सेना को लगी भनक

मगर भारतीय सेना को इस बात की भनक लग गई। उस दौरान जनरल एनजी विज सेना प्रमुख थे। उन्होंने आतंकियों का सफाया करने की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल रोस्तम नानावट्टी को सौंपी। फिर शुरू हुई ऑपरेशन सर्प विनाश। उन्होंने इस ऑपरेशन की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री को दी। मगर उन्होंने इसे बेतुका करार दे दिया।

ऑपरेशन सर्प विनाश

मेजर जनरल एचएस लिद्दर की अगुवाई में सेना ने 21 अप्रैल 2003 को ऑपरेशन सर्प विनाश शुरू कर दिया। भारतीय सेना ने वायुसेना की मदद से पहाड़ी इलाकों में छिपे आतंकियों को मार गिराया। 1 मई 2003 को ऑपरेशन पूरा हुआ। हालांकि इस दौरान 5 सैनिक शहीद हो गए और 5 बुरी तरह से घायल थे। मगर सुरक्षाबलों ने अपने पराक्रम के बल पर आतंकियों के दांत खट्टे कर दिए थे।

ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0

5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई थी। पांच साल बाद फिर से राज्य में उथल-पुथल शुरू हो चुकी है। इस साल अगस्त की शुरुआत में ही BSF के डीजी नितिन अग्रवाल और स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को पद से हटा दिया गया। 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा भी खत्म होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अगले महीने घाटी में चुनाव होंगे। ऐसे में सेना का ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 आतंकियों के खात्मे का फुल प्रूफ प्लान साबित हो सकता है।

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Tags :
Article 370Indian ArmyJammu Kashmir News
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