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J-K में राशिद इंजीनियर और जमात का गठबंधन, किसका बिगाड़ेगा खेल? पहले फेज में निर्दलीयों की बाढ़

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Phase 1: कश्मीर की सीटों पर जमात और राशिद इंजीनियर का गठबंधन बड़ी पार्टियों का खेल खराब कर सकता है। लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से राशिद इंजीनियर उत्साहित हैं और उनकी पार्टी कई सीटों पर मुकाबले में है। राशिद को जमात से भी समर्थन मिल रहा है।
08:48 AM Sep 18, 2024 IST | Nandlal Sharma
जम्मू और कश्मीर में तीन चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में 18 सितंबर को वोट डाले जा रहे हैं।
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Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Phase 1: जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहले फेज की 24 सीटों पर वोटिंग हो रही है। इनमें 16 सीटें कश्मीर में हैं और आठ सीटें जम्मू में हैं। बीजेपी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के अलावा घाटी के चुनाव में इंजीनियर राशिद और जमात ए इस्लामी भी चुनावी मैदान में हैं। राशिद और जमात का साथ इतना स्ट्रैटजिक है कि ये गठबंधन कश्मीर में नया गुल खिला सकता है। पहले फेज में 219 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि इनमें 44 प्रतिशत निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर जमात ए इस्लामी और राशिद इंजीनियर की पार्टी से जुड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि ये निर्दलीय उम्मीदवार पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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जमात ए इस्लामी पर बैन

केंद्र सरकार ने जमात ए इस्लामी पर बैन लगा रखा है। कश्मीर में पिछले 37 सालों से जमात सक्रिय है। लेकिन अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद केंद्र सरकार ने जमात पर बैन लगा दिया था। बैन के चलते जमात चुनाव नहीं लड़ सकता, लिहाजा इसके पूर्व सदस्य निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। जमात ने राशिद इंजीनियर की पार्टी आवामी इत्तेहाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है।

राशिद इंजीनियर कथित टेरर फंडिंग केस में पिछले पांच सालों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। हाल ही में उन्हें जमानत मिली है। लोकसभा चुनावों में बारामूला सीट से राशिद ने उमर अब्दुल्ला को मात देकर कश्मीर की सियासत में उलटफेर कर दिया। बारामूला के परिणाम से उत्साहित राशिद की पार्टी बड़े जोश से विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले रही है।

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इस चुनाव में एक और बात नोट करने वाली है कि बड़ी संख्या में वो लोग भी हिस्सा ले रहे हैं, जो आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। हालांकि देखना होगा कि चुनाव नतीजों के बाद क्या वे हिंसा की ओर लौटेंगे या सियासी तौर पर अपनी पारी को आगे बढ़ाएंगे।

लोकसभा चुनाव में वोटिंग

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद विधानसभा चुनाव में वोटरों की भागीदारी पर भी सबकी नजरें रहेंगी। 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई तो भारत सरकार और केंद्रशासित प्रदेश का शासन अपनी पीठ थपथपा सकता है। 2014 के विधानसभा चुनाव में 65.50 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई थी। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद हो रहे पहले चुनाव में सबकी नजरें वोट प्रतिशत पर भी हैं। लोकसभा की 5 सीटों के लिए हुए चुनाव में 58.46 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में कितनी वोटिंग होती है।

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