'कैंडिडेट बदलो नहीं तो...', BJP में नहीं थम रहा घमासान; अब इन दिग्गजों ने किया बगावत का ऐलान
Jammu Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग ने किया है। 18, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोटिंग होनी है। 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाना है। लेकिन टिकट वितरण के बाद भाजपा में पैदा हुए असंतोष और बगावत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब दो और बड़े नेताओं ने अपने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। सांबा जिले के भाजपा अध्यक्ष कश्मीर सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह सलाथिया की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि सलाथिया पहले फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस में थे। जो भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंह ने कहा कि वे 42 साल तक पार्टी की सेवा करते रहे। अब भारी मन से पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। जो शख्स दशकों तक हमारी विचारधारा का विरोध करता रहा।
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दूसरी पार्टी से आया, पार्टी ने उसे उम्मीदवार बना दिया। बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और एनसी गठबंधन की सरकार बनाई थी। सलाथिया उस सरकार में मंत्री रहे थे। 2021 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। कश्मीर सिंह ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उन लोगों ने पार्टी के लिए रात-दिन काम किया। सांबा में भाजपा को मजबूत किया, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और भाजपा को विचारधारा को आगे बढ़ाते रहे। अनुच्छेद 370 को हटवाने के लिए कई साल प्रदर्शन किए, हड़तालें की। लेकिन ऐन मौके पर ऐसे शख्स को टिकट थमाया गया, जो लगातार इन मुद्दों के खिलाफ काम कर रहा था। यह उन जैसे आम कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है।
निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
उन्होंने पार्टी के राज्य प्रमुख रविंदर रैना को रिजाइन भेजा है। उन्होंने कहा है कि पार्टी यदि उनके बजाय किसी स्थानीय वरिष्ठ नेता को टिकट देगी तो वे अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। नहीं तो संघर्ष को आगे लेकर जाएंगे। स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान उन्होंने किया है। वहीं, BJYM के युवा नेता कनव शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जम्मू पूर्व से युद्धवीर सेठी को कैंडिडेट बनाए जाने का विरोध किया है। जम्मू जिला प्रमुख ने कहा कि सेठी भ्रष्टाचार के मामलों में फंस चुके हैं, जब उनकी पत्नी प्रिया सेठी शिक्षा मंत्री थीं। मैं और मेरी पूरी टीम इस्तीफा देते हैं। बता दें कि जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 10 साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं।
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