'खाना खा रहे थे, अचानक बत्ती गुल, फायरिंग होने लगी'; J-K के गांदरबल में आतंकी हमले की कहानी, 7 की मौत
Ganderbal Terrorist Attack Inside Story: जम्मू कश्मीर के गांदरबल में रविवार शाम को हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत हो गई। 2 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ा। 5 घायलों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ा। हमला गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे पर टनल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों पर किया गया। बता दें कि गांदरबल प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का पुश्तैनी विधानसभा क्षेत्र है। इस सीट से उमर के पिता-दादा विधायक रह चुके हैं।
जम्मू पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांदरबल के गगनगीर शहर के गुंड इलाके में हाईवे पर टनल का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्यका कॉन्ट्रैक्ट जिस कंपनी के पास है, उस कंपनी के ठेका कर्मियों पर फायरिंग हुई। वे दोपहर के समय खाना खाने बैठे थे, अचानक बत्ती गुल हो गई और ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। 2 लोग हथियार लेकर सामने खड़े दिखे। इसके बाद सीधे अस्पताल में आंख खुली और पता चला कि 5 मजदूरों की मौत हो गई है। एक कंपनी कर्मचारी और डॉक्टर भी मारा गया है।
NIA करेगी आतंकी हमले की जांच
गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकी हमले की जांच NIA को सौंपी है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) वीके बिरदी ने मीडिया को बताया कि गगनगीर आतंकी हमले में मारे गए 7 कर्मचारियों में एक डॉक्टर, मैकेनिकल प्रभारी, सुरक्षा प्रभारी, योजना विभाग कर्मचारी शामिल थे। कर्मचारी खाना खा रहे थे, तभी 2 आतंकवादी घुस आए और कर्मचारियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी में 7 लोगों की मौत हो गई, जिनमें डॉ. शाहनवाज (स्वास्थ्य प्रभारी), फहीम नासिर (सुरक्षा प्रबंधक), अनिल शुक्ला (मैकेनिकल मैनेजर), शशि अबरोल (डिजाइनर), गुरुमीत सिंह (रिगर), हनीफ (कार्यकर्ता), कलीम (कर्मचारी) शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले की निंदा की। गृह मंत्री अमित शाह ने भी निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने वालों को बड़ा सबक सिखाने को आदेश दिए हैं।