'खतरा' बताकर 1080 दिन तक जेल में रखा, अब प्रशासन को देना होगा 5 लाख हर्जाना
Jammu Kashmir HC on PSA: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) पर बड़ा फैसला सुनाया है। जमात-ए-इस्लामी के प्रवक्ता की हिरासत को अवैध करार देते हुए कोर्ट ने सरकार से मुआवजा देने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को 5 लाख रुपए की राशि अदा करनी होगी।
क्या है PSA कानून?
बता दें कि राज्य में नागरिकों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए 1978 में पब्लिक सेफ्टी एक्ट लागू किया गया था। PSA के तहत सरकार बिना किसी ट्रायल के संदिग्धों को गिरफ्तार कर सकती है और उन्हें 2 साल तक सलाखों में रख सकती है। हालांकि जम्मू-कश्मीर की हाईकोर्ट ने पहली बार PSA के खिलाफ फैसला सुनाया है, जिससे प्रशासन को भी तगड़ा झटका लगा है।
स्वतंत्रता के साथ हुआ समझौता
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोर्ट PSA पर लगाम नहीं लगा रही है लेकिन PSA के तहत होने वाली गिरफ्तारी वैध है या नहीं, इसकी जांच की जा सकती है। याचिकाकर्ता को 1,080 दिनों से हिरासत में रखा गया था, जिससे उसकी स्वतंत्रता के साथ समझौता हुआ है। बता दें कि जमात-ए-इस्लामी के प्रवक्ता अली मोहम्मद लोन अलियास को 2019 से मार्च 2024 तक PSA के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था।अली के वकील जाहिद अली ने कोर्ट से 25 लाख मुआवजा देने की मांग की थी। मगर कोर्ट ने 5 लाख पर ही मंजूरी दी और जम्मू कश्मीर प्रशासन को जल्द से जल्द मुआवजे की रकम चुकाने के आदेश दिए हैं।
अली पर चार बार लगा PSA
गौरतलब है कि अली को पहली बार 5 मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था। मगर कोर्ट ने 11 जुलाई 2019 को उन्हें बरी कर दिया था। हालांकि आठ दिन बाद 19 जुलाई 2019 को सरकार ने अली को फिर से PSA के तहत गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने 3 मार्च 2020 को मामले पर सुनवाई की और अली को रिहा कर दिया। हालांकि 29 जून 2020 को सरकार ने तीसरी बार PSA का सहारा लेकर अली को हिरासत में लिया। 24 फरवरी 2021 को कोर्ट ने उन्हें फिर बरी किया और 14 सितंबर 2022 को चौथी बार अली पर PSA लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया था।