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चमत्कार या इत्तेफाक! युवक ने सुनाई झारखंड ट्रेन हादसे से बचने की कहानी

Train Accident Survivor Story: झारखंड में हुए ट्रेन हादसे का शिकार होने से एक युवक किस्मत से बच गया। उसने अपने बचने की कहानी सुनाई है। हालांकि हादसे में उसके 2 दोस्त घायल हुए, लेकिन उसकी जान बच गई। कैसे और क्या हुआ था? आइए जानते हैं...
02:03 PM Jul 31, 2024 IST | Khushbu Goyal
Jharkhand Train Accident Photo
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Jharkhand Train Accident Survivor Story: झारखंड में बीते दिन हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस जमशेदपुर में डिरेल हो गई थी। करीब 15 डिब्बे पटरी से उतरे और साथ वाले ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गए। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोगों को चोटें लगी। हादसा सुबह के करीब 4 बजे हुआ। चक्रधरपुर में राजखरसवां और बड़ाबाम्बो के बीच ट्रेन डिरेल हुई।

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हादसे का पता लगने के बाद एक शख्स घायलों से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचा। उसने घायलों का हालचाल जान और उसके बाद एक पत्रकार से बात करते हुए वह अपनी आपबीती सुनाने लगा। उसने बताया कि भगवान का शुक्र है कि ज्यादा बड़ा हादसा नहीं हुआ। लोगों की जान बच गई और किस्मत कहें या इत्तेफाक, उसकी जान भी बच गई, क्योंकि वह भी इसी ट्रेन में सफर करने वाला था।

 

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दोस्त का रोकना वरदान जैसा साबित हुई

ओडिशा के भद्रक जिले के रहने वाले स्टालिन दास बताते हैं कि वे छत्तीसगढ़ में एक थर्मल प्लांट में काम करते हैं। उन्होंने और उनके 2 दोस्तों योगेश और गिरिराज ने टाटानगर से चंपा जाने के लिए हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट बुक कराया था। उन्हें टाटानगर से ट्रेन पकड़नी थी, लेकिन एक दोस्त के कहने पर उसने अपनी टिकट कैंसिल करा दी थी। वह टाटानगर में ही अपने दोस्त के पास रुक गए।

दोनों ने रातभर खूब बातें की, लेकिन उसके दोस्तों ने ट्रेन पकड़ ली थी। वह उनका हालचाल जानने ही अस्पताल आया था, क्योंकि वे हादसे में घायल हुए हैं। स्टालिन कहते हैं कि उसके दोस्तों का फोन नहीं लग रहा था। इस बीच उसे न्यूज चैनलों से हादसे के बारे में पता चला तो वह घबरा गया। दोस्तों का पता किया तो सुखद सांस ली। साथ ही दोस्त का आभार जताया, उसने रोक लिया।

 

दोस्तों के बचने की खुशी बयां नहीं कर सकता

स्टालिन दास कहते हैं कि वे इसे किस्मत कहेंगे और यह इत्तेफाक भी है। जो ट्रेन उन्होंने पकड़नी थी, वह हादसे का शिकार हो गई। दोस्तों की जान बच गई, इसकी उसे बहुत खुशी है। वह अपनी उस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता, क्योकि दोस्त काफी समय बाद घर जा रहे थे, लेकिन उसे दोस्त का रोक लेना वरदान जैसा लग रहा है। जैसे नई जिंदगी मिल गई हो। क्योंकि दोस्त के रिक्वेस्ट करने पर ही उसने अपनी यात्रा रद्द की थी।

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Tags :
Indian RailwaysJharkhand Train AccidentTrain Accident
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