बिना किसी कारण माइक्रोसॉफ्ट ने छीनी नौकरी, फिर भी Thanks क्यों बोल रहा ये कर्मचारी?
Who is Kapil Kulshreshtha: आज के समय में नौकरी कितनी मुश्किल से मिलती है? अगर कोई आपको नौकरी से बिना वजह निकाल दे तो कैसा लगेगा? आप उसे कोसेंगे। लेकिन एक ऐसा शख्स भी है, जिसको दिग्गज कंपनी ने अचानक बिना किसी कारण नौकरी से निकाल दिया। लेकिन इस आदमी ने दुख जताने के बजाय कंपनी का आभार जताया। पूर्व कर्मचारी का नाम कपिल कुलश्रेष्ठ है, जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट से अचानक बिना किसी कारण बाहर निकाल दिए जाने की अपनी अप्रत्याशित यात्रा के बारे में बताया है।
कपिल माइक्रोसॉफ्ट में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक थे। जिनको बिना किसी चेतावनी दिए कंपनी ने बाहर कर दिया। लेकिन कपिल ने अपनी बर्खास्तगी को झटके के तौर पर नहीं लिया। उन्होंने इसे एक निर्णायक क्षण माना। 25 अगस्त 2005 को उन्हें बर्खास्त किया गया था। कपिल माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में तैनात थे। जिन्होंने अब लिंक्डइन पर अपने अनुभवों को शेयर किया है।
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कपिल के अनुसार उन्हें अचानक कंपनी के निर्णय पर पहले तो गुस्सा आया। ऐसे लगा जैसे सब खत्म हो जाएगा, असफलता की गहरी भावना आ गई। उन्होंने सबसे पहले पत्नी को फोन कर जानकारी दी। जिन्होंने तुरंत उनको घर आने की सलाह दी। जिसके बाद दोनों ने बातचीत कर फैसला लिया कि वे लोग निराश नहीं होंगे। स्थिति का सामना करेंगे। जिसके बाद उन्होंने विकल्प खोजने शुरू किए और प्लानिंग के साथ काम शुरू किया।
अब कपिल उस फैसले को ऐतिहासिक बताते हैं। वे नौकरी से निकाले जाने के बाद अपने मैनेजर से मिले। बातचीत के बाद उनको सलाह मिली कि जो हुआ, उसे भूल जाओ। नई शुरुआत करो। इसके बाद उन्होंने 3 सप्ताह तक नई नौकरी की तलाश की और नेटवर्किंग, बायोडाटा में सुधार किया। अपने पुराने संपर्कों से कॉन्टैक्ट किया।
डर का सामना करना जरूरी
ये समय काफी कठिन था। लेकिन बाद में कॉग्निजेंट में मौका मिल गया। कपिल के अनुसार अगर उनकी नौकरी नहीं जाती तो वे विकास का महत्वपूर्ण क्षण नहीं पाते। वह एक महत्वपूर्ण मोड़ था। जिसके बारे में अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं है। डर का सामना करना, लक्ष्य को दोबारा हासिल करना या नया रास्ता खोजना आसान काम नहीं होता। आज कपिल अपनी पूरी सफलता का श्रेय माइक्रोसॉफ्ट को देते हैं। वे अपने करियर के झटके को वरदान मानते हैं। कुलश्रेष्ठ उन लोगों को प्रोत्साहित होने के लिए कह रहे हैं, जो उनके जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है कि रणनीतिक योजना बनाकर मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी सफलता हासिल की जा सकती है।
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