150 से ज्यादा झुलसे; 8 की हालत नाजुक, केरल के मंदिर में कैसे भड़क गई आग?
Kerala News: केरल के कासरगोड जिले के अंजूतांबलम वीरेरकावु मंदिर में लोकप्रिय 'थेय्यम' अनुष्ठान के दौरान आग लगने के पीछे चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। आतिशबाजी को आग के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। भीषण दुर्घटना के पीछे मंदिर प्रबंधन की लापरवाही को भी कारण माना जा रहा है। अभी तक इस हादसे में 154 लोग झुलसे बताए जा रहे हैं। वहीं, 8 लोगों की हालत गंभीर है। पुलिस ने मंदिर प्रबंधन से जुड़े दो लोगों को अरेस्ट किया है। थेय्यम अनुष्ठान के दौरान जोरदार आतिशबाजी की गई थी। जिसकी वजह से आग लग गई। उत्सव में जुटे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। कासरगोड जिले की पुलिस अधीक्षक (एसपी) डी शिल्पा ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि आतिशबाजी के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से अनुमति नहीं ली गई थी।
अचानक पटाखों के ऊपर जा गिरी चिंगारी
मंदिर में आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल भी फॉलो नहीं किए गए थे। जिला कलेक्टर के इनबासेकर के अनुसार हादसे की अभी जांच चल रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उत्सव के भव्य समापन के लिए 25 हजार रुपये की आतिशबाजी खरीदकर एक कमरे में रखी गई थी। जैसे ही आतिशबाजी शुरू हुई, एक चिंगारी कमरे में जा गिरी। जिसकी वजह से अचानक विस्फोट हुआ और आग लग गई। विस्फोट में झुलसी एक लड़की के अनुसार अचानक आग की वजह से उन लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
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जिसके बाद अफरातफरी मच गई। फॉरेंसिक टीमों ने भी जांच के लिए मौके से सबूत जुटाए हैं। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसको देखते हुए प्रशासन ने हादसे की पूरी समीक्षा करने का दावा किया है। स्थानीय माकपा विधायक एम राजगोपाल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने प्रशासन से भी बात की है। उन्होंने कहा कि पटाखे कम तीव्रता के थे, अन्यथा और भी लोग चपेट में आ सकते थे। कासरगोड के सांसद राजमोहन उन्नीथन ने कहा कि सोमवार आधी रात को हुई घटना गंभीर चूक की ओर इशारा करती है।
कई लोग 80 फीसदी तक झुलसे
अगर नियमों का पालन किया जाता तो हादसा नहीं होता। जिला कलेक्टर ने कहा कि 8 लोग गंभीर हैं, जो 80 फीसदी तक झुलस चुके हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जहां से पटाखे जलाए गए और जहां स्टोर किए गए थे, वे दोनों जगह काफी करीब थीं। दोनों के बीच कम से कम 100 मीटर की दूरी होनी चाहिए थी। न ही आतिशबाजी के लिए परमिशन ली गई थी।
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