केरल सरकार का बड़ा एक्शन, 'कलेक्टर ब्रो' समेत दो IAS अफसर सस्पेंड; जानें वजह
Kerala News: केरल सरकार ने अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई करते हुए दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के आदेशों पर कार्रवाई हुई है। निलंबित किए गए अधिकारियों में के गोपालकृष्णन और एन प्रशांत शामिल हैं। दोनों पर अलग-अलग मामलों में एक्शन लिया गया है। के गोपालकृष्णन पर धार्मिक व्हाट्सऐप ग्रुप चलाने के आरोप हैं। आरोप है कि उन्होंने कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर 'मल्लू हिंदू ऑफिसर्स' नाम का ग्रुप बनाया था। जिसके बाद ग्रुप को लेकर सवाल उठने लगे थे। हालांकि गोपालकृष्णन का दावा है कि उनका फोन हैक किया गया था। लेकिन फॉरेंसिक जांच में ऐसा कुछ साबित नहीं हुआ।
यह भी पढ़ें:दिन में मजदूरी, रात में हथियार तस्करी… दिल्ली पुलिस ने चलाया Operation ‘Eagle’, 18 बदमाश पकड़े
बताया जा रहा है कि फोन को फॉर्मेट किया गया था। जिसके कारण हैकिंग की बात सामने नहीं आ सकी। अब सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है। वहीं, 'कलेक्टर ब्रो' नाम से मशहूर एन प्रशांत पर भी एक्शन लिया गया है। वे मौजूदा समय में कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग के विशेष सचिव का काम देख रहे थे। एन प्रशांत पर अपने सीनियर के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के आरोप हैं। फेसबुक पर प्रशांत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ए जयतिलक पर गलत खबरें फैलाने का आरोप लगाते हुए उनको साइकोपैथ बताया था। सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और उनको सस्पेंड कर दिया। मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है।
अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
प्रशांत ने अपने खिलाफ कार्रवाई होने के बारे में जानकारी होने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि संविधान ने हर नागरिक को आलोचना का अधिकार दिया है। मैं विसलब्लोअर हूं। मेरे आलोचना करने का मकसद गलत प्रवृत्तियों का विरोध करना था। मैंने सरकार की नीतियों पर उंगली नहीं उठाई है। मुद्दों को उठाना हर शख्स का कर्तव्य है। बता दें कि इससे पहले भी प्रशांत पर सवाल उठ चुके हैं। पूर्व राज्य मत्स्य मंत्री मर्सीकुट्टी अम्मा ने उन पर विपक्ष के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे।
माना जा रहा है कि उनके सस्पेंशन के पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं। इसको लेकर विपक्ष भी टिप्पणी कर रहा है। केरल के राजस्व मंत्री के राजन ने अफसरों को पहले चेताया था। राजन ने कहा था कि प्रदेश में तैनाती के दौरान सभी अधिकारी अनुशासन का पालन करें। किसी भी अधिकारी की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह भी पढ़ें : अमित शाह के खिलाफ क्या-क्या बेतुके आरोप? जिन पर भारत सख्त, कनाडा को कड़ी फटकार