खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Wayanad Landslide: अभागा बाप! अपनी बेटी की लाश पहचान नहीं पाया; वायनाड भूस्खलन पीड़ित की दर्दनाक आपबीती

Wayanad Landslide Survivor Story: केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में अपनी बेटी को खोने वाले शख्स की आपबीती सुनकर दिल भर आएगा। वह शख्स अपनी बेटी के तलाशते हुए मुर्दाघर पहुंचे, लेकिन बेहोश हो गए। आइए जानते हैं उनके बारे में और उनकी कहानी...
09:00 AM Aug 02, 2024 IST | Khushbu Goyal
Kerala Wayanad Landslide
Advertisement

Wayanad Landslide Survivors Emotional Story: केरल के वायनाड में गत 29 जुलाई को हुए भीषण लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 300 पार कर गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों की संख्या 313 हो गई है। 100 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। 100 से ज्यादा लाशें उनके परिजनों को सौंप दी गई हैं, लेकिन कुछ लाशें ऐसी हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही है। जिन्हें उनके अपने पहचान नहीं पा रहे हैं। ऐसे ही एक पीड़ित की, एक अभागे बाप की मार्मिक कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं, जो अपनी बेटी की लाश को पहचान ही नहीं पाए।

Advertisement

 

एक स्कूल के कमरे को बनाया गया मुर्दाघर

अरानिक्कल अज़ीज़ मुंडक्कई के रहने वाले हैं। गांव से बाहर होने के कारण वे भूस्खलन की चपेट में आने से बच गए, लेकिन उनकी बेटी की मौत हो गई। वे अपनी बेटी के शव की शिनाख्त करने मुंडक्कई से 16 किलोमीटर दूर गांव मेप्पडी के सरकारी स्कूल के एक कमरे में गए। उस कमरे में कभी स्टूडेंट्स की चहचहाहट और आवाजें गूंजती थीं, लेकिन आज वह अस्थायी मुर्दाघर बना हुआ है। छात्रों की बातचीत से भरा रहता था, एक अस्थायी मुर्दाघर में तब्दील हो गया था। वहां फ्रीजर में कतार में भूस्खलन में मारे गए लोगों की लाशें रखी हुई हैं। अजीज की नज एक महिला के शव पर गई, लेकिन वे उसे पहचान नहीं पाए।

Advertisement

 

बेटी की तलाश में गांव-गांव भटक रहे अजीज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजीज शवों को देखते-देखते चिल्लाने लगे। बोले- हे भगवान ये कैसा दुर्भाग्य है? अपनी बेटी की लाश को पहचान नहीं पा रहा हूं। साथ आए रिश्तेदार अजीत को पकड़कर बाहर ले गए, लेकिन उसके कदम लड़खड़ा रहे थे। बाहर आकर अजीत बेहोश हो गए। उन्हें एक बेंच पर लिटाकर पानी पिलाया गया। उनकी बेटी का नाम शबाना था, जिसकी तलाश करते हुए वे मुर्दाघर तक आए थे, लेकिन अभी तक उनकी बेटी का कोई सुराग नहीं लगा हैं। अज़ीज़ को संदेह था कि शबाना और उसके अन्य लापता परिवार के सदस्य चालियार में होंगे, लेकिन वे उन्हें चालियार में मिले ही नहीं।

Advertisement
Tags :
special-newsWayanad Landslide
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement