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कोलकाता रेप-मर्डर केस पर 'सुप्रीम' दलीलें क्या? सिर्फ 5 पॉइंट में समझें सबकुछ

Supreme Court Hearing on Kolkata Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप मर्डर केस में सख्त तेवर दिखाए हैं। केंद्र सरकार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ममता बनर्जी सरकार के साथ-साथ पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। आइए जानते हैं कि क्या दलीलें दी गईं और क्या सवाल पूछे गए?

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सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप मर्डर केस को वीभत्स घटना बताया।

Kolkata Case Supreme Court Hearing: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की है। चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने केस में दलीलें सुनीं और सवाल किए। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए। सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, विजय हंसारिया, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह IMA की ओर से पेश हुए।

 

CBI-टास्क फोर्स और केंद्र सरकार को आदेश

तीखे सवाल जवाब करने के बाद CJI ने 14 सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया, जिसका मकसद डॉक्टर्स की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सिफारिशें करना होगा। इनमें 9 डॉक्टर्स और 5 अधिकारी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने CBI को केस की जांच की स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। नेशनल टास्क फोर्स को भी आदेश दिया गया है कि 3 सप्ताह में अंतरिम रिपोर्ट दे और 2 महीने के अंदर फाइनल रिपोर्ट सबमिट करें। वहीं केस की अगली सुनवाई अब 23 अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी एक महीने के अंदर हलफनामे के साथ मांगी गई जानकारी देने को कहा है।

 

हड़ताल खत्म करने की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स से अनुरोध किया है कि सब लोग अपने काम पर लौट आएं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि RG कार मेडिकल कॉलेज और उसके डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग न करने की चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर्स की सुरक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। कोर्ट इसके लिए जरूरी कदम उठा रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स, प्रदर्शनकारियों से अनुरोध है कि सब लोग काम पर लौट आएं।

 

टास्क फोर्स में शामिल किए ये डॉक्टर-अधिकारी

सुप्रीम कोर्ट ने टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के 5 अधिकारी भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के अध्यक्ष, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनर्स के अध्यक्ष शामिल किए गए हैं। नेशनल टॉस्क फोर्स में इन डॉक्टरों को भी मेंबर बनाया गया है। सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरियन, मैनेजिंग डायरेक्टर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी डॉ. नागेश्वर रेड्डी, डायरेक्टर AIIMS दिल्ली डॉ. एम. श्रीनिवास, NIMHANS बेंगलुरू की डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डायरेक्टर AIIMS जोधपुर डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, गंगाराम अस्पताल के मैनेजिंग मेंबर डॉ. सौमित्र रावत, AIIMS दिल्ली के कार्डियोलॉजी हेड प्रोफेसर अनीता सक्सेना, ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई की डीन प्रोफेसर पल्लवी सापरे और न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट AIIMS के डॉ. पदमा श्रीवास्तव।

 

बेंच ने केस को वीभत्स बताया

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में हुई वारदात को वीभत्स घटना बताया। बेंच ने कहा कि कोलकाता में जा हुआ, उसे बेंच विचलित है। हम युवा डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उनके लिए अस्पतालों में ड्यूटी रूम नहीं हैं। जूनियर महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा और वर्क कंडीशन महत्वपूर्ण मामला है। संविधान के तहत किस समानता की बात करते हैं हम? अगर अपने वर्क प्लेस पर महिलाएं सुरक्षित ही नहीं हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछे गए सवाल

  • हालात बात रहे हत्या हुई, परिवार को सुसाइड क्यों बताया गया?
  • FIR दर्ज करने में देरी क्यों हुई? हत्या का मामला दर्ज क्यों नहीं किया?
  • भीड़ ने अस्पताल में घुसकर तोड़-फोड़ की, कोलकाता पुलिस क्या कर रही थी?
  • भीड़ को अस्पताल में घुसने कैसे दिया गया?
  • कॉलेज के प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया?
  • पीड़िता की लाश पैरेंट्स को दिखाने में देरी क्यों की गई?
  • पीड़िता की तस्वीर, वीडियो, नाम सार्वजनिक कैसे हुआ?
  • क्राइम सीन को सुरक्षित क्यों नहीं किया गया?
  • प्रिंसिपल जांच के घेरे में तो दूसरी जगह नियुक्त क्यों-कैसे किया?
  • पहली FIR किसने कराई और शव परिजनों को कब दिया गया?

 

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