'9 दिन में 100 घंटे पूछताछ, फिर पॉलीग्राफ टेस्ट', कोलकाता कांड में फंसे पूर्व प्रिंसिपल, CBI ने लिया ये एक्शन

Kolkata Lady Doctor Rape Murder Case : इस वक्त पूरे देश की नजर कोलकाता कांड की जांच पर टिकी है। इसे लेकर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सीबीआई ने अपनी जांच तेज करते हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया।

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पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ सीबीआई का एक्शन।

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Kolkata Lady Doctor Rape Murder Case : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई कोलकाता रेप-मर्डर केस की गुत्थी सुलझा रही है। इस मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीष घोष की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने उनसे 9 दिन में 100 घंटे तक पूछताछ की और फिर उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया। पॉलीग्राफ टेस्ट में पूर्व प्रिंसिपल और मुख्य आरोपी समेत 7 लोग शामिल है। इसके बाद जांच एजेंसी ने पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

सीबीआई ने क्यों दर्ज की एफआईआर?

सीबीआई सूत्र के अनुसार, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई एंटी करप्शन ब्रांच ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। अब सीबीआई संदीप घोष के खिलाफ करप्शन की जांच करेगी। हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी ने शनिवार को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई दफ्तर में सभी दस्तावेज दिए। दस्तावेज मिलने के बाद जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज की। सीबीआई ने पहले ही अलीपुर सीजेएम कोर्ट में एफआईआर की कॉपी जमा कर दी है।

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7 लोगों का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट

कोलकाता कांड में शनिवार को 7 लोगों को पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ, जिसमें पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, मुख्य आरोपी संजय रॉय, घटना की रात में अस्पताल में मौजूद 4 जूनियर डॉक्टर और एक वॉलंटियर शामिल हैं। हालांकि, संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट टल गया। अब उसका टेस्ट रविवार को जेल में होगा। वहीं, 6 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट सीबीआई कार्यालय में हुआ।

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पूर्व प्रिंसिपल का पॉलीग्राफ टेस्ट क्यों जरूरी

पूर्व प्रिंसिपल संदीष घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट इसलिए जरूरी है, क्योंकि वे अस्पताल के हेड थे। इस मामले में वे भी शक के घेरे में हैं। सीबीआई यह पता चला रही है कि संदीष घोष को वारदात के बारे में कब और कैसे पता चला। फिर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने में देरी क्यों की और आरोपी ने अस्पताल की सुरक्षा में कैसे सेंध लगाई।

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